- Home
- Fact Check News
- अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में नागरिकता कानून का विरोध, छात्रों की नारेबाजी की क्या है सच्चाई?
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में नागरिकता कानून का विरोध, छात्रों की नारेबाजी की क्या है सच्चाई?
| Published : Dec 16 2019, 01:23 PM IST / Updated: Dec 16 2019, 02:14 PM IST
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में नागरिकता कानून का विरोध, छात्रों की नारेबाजी की क्या है सच्चाई?
Share this Photo Gallery
- FB
- TW
- Linkdin
14
ट्विटर पर कई यूजर धड़ाधड़ ये वीडियो शेयर कर रहे हैं। वीडियो में एक मैसेज कॉपी पेस्ट किया जा रहा है। कई बड़े नेताओं सहित लोगों ने विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों के एक ग्रुप का वीडियो शेयर किया, जिसमें वो दावा किया गया कि, वो कुछ ऐसे नारे लगा रहे हैं- “हिंदुओं की कब्र खुदेगी, AMU की छाती पर। मैसेज में लोगों को संबोधित किया गया कि, भाईयों ये भारत में सुनने को मिल रहा है।
24
दरअसल दिल्ली में अलीगड़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्र नागरिकता संशोधन कानून 2019 का जमकर विरोध कर रहे हैं। इसके लिए छात्र सड़कों पर उतर गए हैं। इसके तहत सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल किया जा रहा है जिसमें छात्रों पर हिंदूविरोधी नारेबाजी करने का दावा किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि, ये मुस्लिम समुदाय के छात्र हैं जो हिंदुओं की कभ खोलने की बात कर रहे हैं। पर वीडियो की असलियत वो नहीं है जो वायरल हो हो रही है।
34
दरअसल जो वीडियो वायरल किया जा रहा है उसमें छात्रों का एक ग्रुप ढपली बजाकर नारेबाजी कर रही है लेकिन वो हिंदुविरोधी नारे नहीं लगा रहे हैं। ट्विटर पर जब हमने एएमयू से जुड़े सारे वीडियो सर्च किए तो उनमें ये भी एक फीड मिला। इसका असली वीडियो सुनने पर हमने पाया कि छात्र कह रहे हैं- “हिंदुत्व की कब्र खुदेगी, AMU की छाती पर, सावरकर की कब्र खुदेगी, AMU की छाती पर, ये बीजेपी की कब्र खुदेगी, AMU की छाती पर, ब्राह्मणवाद की कब्र खुदेगी, AMU की छाती पर, ये जातीवाद की कब्र खुदेगी एएमयू की छाती पर। आपको बता दें कि ये वीडियो 12 दिसंबर 2019 को अपलोड किया गया था। इसलिए जो वीडियो वायरल हो रहा है उसमें लफ्जों का हेरफेर कर उसके साछ छेड़छाड़ की गई है।
44
इससे ये साफ होता है कि छात्रों द्वारा हिंदू विरोधी नारे लगाने का दावा गलत है। एएमयू के छात्र वास्तव में हिंदुत्व, सावरकर, भाजपा, ब्राह्मणवाद और जातिवाद के खिलाफ नारे लगा रहे थे। वीडियो से स्पष्ट है कि छात्र हिंदुत्व के खिलाफ नारे लगा रहे थे हिंदुओं के नहीं। सैकड़ों लोगों ने इस भ्रामक और फेक एडिटेड वीडियो को शेयर किया।