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पश्चिम बंगाल में हिंदुओं को घर से बाहर निकालकर मारा, क्या है वायरल तस्वीरों का सच?
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में संशोधित नागरिकता कानून 2019 पर बवाल हो रहा है। उग्र विरोध प्रदर्शन जारी है लेकिन इसी बीच सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही है जिनमें हिंदुओं पर सांप्रदायिक दंगों का रंग दिया जा रहा है। विनिता हिंदुस्तानी नाम की ट्विटर आईडी पर कुछ घायल लोगों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिनमें दावा किया जा रहा है कि, CAA के विरोध में बंगाल जल रहा है, मुर्शिदाबाद में हिदुंओं को घर से बाहर निकाल कर मारा जा रहा है, 1946 का दौर वापस आ गया है और हम कठपुतली बने हुए हैं। वायरल होने के बाद फैक्ट चेक के तहत जब इन वायरल तस्वीरों की जांच-पड़ताल की तो गई मामला कुछ और ही निकला......
| Published : Dec 15 2019, 03:47 PM IST
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शुक्रवार 13 दिसंबर से पश्चिम बंगाल में भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है जिसमें कई रेलवे स्टेशनों को ध्विस्त कर दिया गया। आंदोलनकारी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों से भरी ट्रेन पर पत्थर बरसा रहे हैं। इस प्रोटेस्ट की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। जिनमें कुछ तस्वीरों में सांप्रदायिक दंगे जैसे दावे किए जा रहे हैं।
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वायरल पोस्ट में एक महिला समेत दो घायल शख्स की तस्वीरों के साथ दावा किया गया कि, बंगाल में हिदुंओं को घर से बाहर निकालकर मारा जा रहा है, इसमें आग में जल रही ट्रेन समेत विशेष समुदाय के लोगों को उत्पात मचाते दिखाया जा रहा है। इसमें कई तस्वीरें शामिल है जैसे आग में जलती ट्रेन और रेलवे ट्रैक पर टायर फेंकते लोग। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में नागरिकता बिल के विरोध के चलते विशेष समुदाय के लोग हिंदुओं पर अत्याचार कर रहे हैं इसलिए एनआरसी जरूरी है। उपद्रवियों को बांग्लादेशी घुसपैठिए भी बताया जा रहा है।
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दरअसल जो पश्चिम बंगाल में हिंदुओं पर अत्याचार के दावे के साथ शेयर की गई है वो असलियत में अप्रैल 2018 में हुए SC / ST एक्ट के विरोध प्रदर्शन के दौरान की है। इसे एक टविट्र यूजर ने शेयर किया था। हालांकि तस्वीर के मूल सोर्स को ढूंढ़ना मुश्किल था लेकिन यही तस्वीर पिछले साल वायरल की गई थी इसी को अब वेस्ट बंगाल में अत्याचार से जोड़कर सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की कोशिश की जा रही है। वहीं धू-धू जलती ट्रेन की फोटो भी पिछले साल की है। 21 मई, 2018 में दिल्ली-विशाखापत्तनम एपी एक्सप्रेस के दो कोच में आग लग गई थी।
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दरअसल वेस्ट बंगाल में प्रोटेस्ट के बाद जागो हिंदू हैशटैग ट्रेंड करने लगा जिसमें मामले को सांप्रदायिक रंग देने संबंधी पोस्ट और तस्वीरें वायरल होने लगी। सीएम ममता बनर्जी को टारगेट कर लोग पोस्ट करने जिसमें इन फेक तस्वीरों का इस्तेमाल भ्रमित करने के लिए किया गया। तस्वीरों की गूगर रिवर्स सर्च इमेज में जांच के बाद हम कह सकते हैं इनका पश्चिम बंगाल के विरोध प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है।