Fact Check. क्या जान जोखिम में डाल कोरोना मरीजों से मिलने पहुंच गए राहुल गांधी?
| Published : Mar 31 2020, 04:03 PM IST / Updated: Mar 31 2020, 04:53 PM IST
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तस्वीर में राहुल गांधी किसी अस्पताल में दिखाई दे रहे हैं। लोगों ने इस फोटो को शेयर राहुल पर सवाल भी उठाए हैं। फेसबुक यूजर्स ने कहा कि वो लॉकडाउन तोड़कर मरीजों से मिलने पहुंचे और वायरस को फैलाने की साजिश कर रहे हैं।
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वायरल पोस्ट क्या है? फेसबुक, ट्विटर पर वायरल हो रही एक पोस्ट में राहुल गांधी पर कोरोना मरीजों से मिलने के लिए उंगली उठाई जा रही है। दुष्यंत चौधरी नाम के यूजर ने लिखा कि "जब पूरे देश में लॉकडाउन है तो राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में मरीजों से मुलाकात करने पहुंचे।"
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क्या दावा किया जा रहै? दरअसल कोरोना वायरस व्यक्ति से व्यक्ति को फैलता है, इसलिए पूरा देश लॉकडाउन किया गया है। कोरोना मरीजों को परिवार से मिलने की भी अनुमति नहीं है। एक कोरोना रोगी कई लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसलिए लोग राहुल की ये फोटो के साथ दावा कर रहे हैं कि वो वायनाड में मरीजों से मिलकर संक्रमण फैला रहे हैं।
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सच्चाई क्या है? हमने इस तस्वीर की सच्चाई का पता लगाने के लिए गूगल पर सर्च किया। राहुल गांधी हाल में किसी अस्पताल में मरीजों से नहीं मिले हैं, ऐसी कोई खबर मीडिया में भी नहीं आई है। वायरल हो रही राहुल गांधी की ये तस्वीर करीब दो साल पुरानी है। राहुल गांधी साल 2017 में राय बरेली एनटीपीसी बॉयलर ब्लास्ट में मारे गए कर्मचारियों के परिजनों व घायल कर्मचारियों से मुलाकात करने जिला अस्पताल पहुंचे थे। ये फोटो तब छपी थी। इसी फोटो को अब कोरोना से जोड़कर झूठे दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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ये निकला नतीजा- फिलहाल देश के कई हिस्सों में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन किया गया है। वहीं, कोरोना वायरस के मरीजों को अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है, उनसे उनके परिजनों को भी मिलने की इजाजत नहीं है। ऐसे में किसी नेता का उनसे मिलने जाना संभव नहीं है। राहुल के बारे में दावा करने वाली ये तस्वीर भी झूठी है। इग्नौर करें।