FACT CHECK. कोरोना को लेकर झूठी हैं ये चार खबरें, बिल्कुल भी न करें भरोसा
नई दिल्ली. कोरोना वायरस (COVID-19) से भारत में मरीजों और संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में सोशल मीडिया पर इसके लेकर अफवाहें भी पैर पसार रही हैं। सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं। कहीं तुलसी के रस और लहसुन के उबले पानी को कोरोना का इलाज बताया जा रहा है। तो कहीं शराब से कोरोना वायरस ठीक हो जाने की बात कही जा रही है। ऐसे में हम आपको इन सभी अफवाहों की सच्चाई बताने जा रहे हैं। फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि क्या आइसक्रीम जैसी चीजें खाने से कोरोना का खतरा बढ़ सकता है?
| Published : Mar 16 2020, 11:44 AM IST / Updated: Mar 24 2020, 04:37 PM IST
FACT CHECK. कोरोना को लेकर झूठी हैं ये चार खबरें, बिल्कुल भी न करें भरोसा
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कोरोना वायरस एक जानलेवा सांस की बीमारी है। इसके लक्षण फ्लू और मौसमी बुखार से मिलते-जुलते हैं। कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर ही आपको प्रभावित कर सकता है। ऐसे में सोशल मीडिया पर इस वायरस को लेकर कई तरह की खबरें, दावे और अफवाहें फैल रही हैं। इनमें से बहुत सी बातें एकदम झूठी हैं जिन पर भरोसा करना सही नहीं है।
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सोशल मीडिया पर बीते कुछ दिनों से एक मैसेज वायरल हो रहा है। मैसेज में कहा जा रहा है कि आइसक्रीम और ठंडी चीजे न खाने से कोरोना के संक्रमण से बचा जा सकता है। अगर इस मौसम में आप ठंडी चीजें खाते हैं तो कोरोना आपको घेर लेगा।
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सोशल मीडिया पर फैल रही ये अफवाहें पूरी तरह गलत है। WHO ने भी आइक्रीम आदि खाने से कोरोना न होने की बात कही है। ऐसी कोई सलाह या जानकारी यूनिसेफ ने भी नहीं दी है।
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केंद्र के अवर सचिव राजेंद्र कुमार के नाम से एक मैसेज वायरल हो रहा है। मैसेज में चेतावनी दी जा रही है कि किसी भी कार्यालय में अगर 10 से ज्यादा कर्मचारी हैं तो उसे तुरंत बंद कर दें। इस मैसेज से सभी जगह हड़कंप मच गया था।
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इस मैसेज में कहा गया कि गुजरात, महाराष्ट्र, सिक्किम और यूपी में किसी कार्यलय में 10 से ज्यादा कर्मचारी हैं तो उसे बंद करने का आदेश दिया गया है।
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पर मैसेज झूठा निकला। गुजरात की आरोग्य सचिव जंयती रवि ने इस पत्र और चेतावनी को फर्जी करार दिया। ऐसी कोई चेतावनी सरकार ने नहीं दी है तो इस पर विश्वास न करें। हालांकि देश के कई शहरों में नामी-गिरामी कंपनियों ने वर्क फ्राम होम की सुविधाएं दी हैं, कर्मचारी दफ्तर न जाकर घर से ही काम कर रहे हैं लेकिन सोशल मीडिया पर कार्यलय बंद करवाने के आदेश की बात निराधार है।
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बीते कुछ दिनों में मैसेज वायरल हुआ कि अब चीन पूरी तरह कोरोना वायरस से मुक्त हो गया है, खुद राष्ट्रपति शी जिनपिंग बिना मास्क लगाए बाहर आए और ये घोषणा की।
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अभी चीन में कोरोना का कहर जारी है और चीन की सरकारी मीडिया या अधिकारी ने चीन के कोरोना मुक्त होने की घोषणा नहीं की है। ऐसे में ये मैसेज पूरी तरह फेक है। हालांकि चीन में मरीजों की संख्या कम हो रही है, अस्थायी अस्पताल बंद किए जा रहे हैं लोगों की जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है।
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बीते दिनों मैसेज शेयर किया गया कि अहमदाबाद मिलिट्री हॉस्टिपिटल में कोरोना वायरस से संक्रमित एक पॉजिटिव केस सामने आया है। जर्मनी से आए शख्स से वो संक्रमित हो गया था। कोरोना वायरस के खौफ को लेकर ये एक नई अफवाह थी।
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पर इस अफवाह से भी जल्दी पर्दा उठ गया। सेना के पीआरओ विंग कमांडर पुनित चड्ढा ने इस मैसेज को फर्जी बताया और कहा कि मिलिट्री हॉस्टिपिटल में एक भी कोरोना का पॉजिटिव केस नहीं है।
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कोरोना वायरस को लेकर कुछ सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म फर्जी खबरों के साथ लोगों को डराने की कोशिश कर रहे हैं। इन झूठी खबरो को पढ़ लोग डर सकते हैं और इसका समाज में लोगों पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में कोरोना वायरस से जुड़ी किसी भी फेक न्यूज को शेयर न करें।