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सिंगर Yohani De Silva की तस्वीर दिखाकर आपसे बोला जा रहा है बड़ा झूठ, जानें क्या है सच
नई दिल्ली. सोशल मीडिया पर श्रीलंका की सिंगर योहानी डी सिल्वा की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि उन्हें भारत और श्रीलंका के बीच सांस्कृतिक राजदूत नियुक्त (Appointed the Cultural Ambassador) किया गया है। मानिके मगे हिते (Manike Mage Hithe) फेम गायिका योहानी डी सिल्वा (Sri Lankan Singer Yohani De Silva) की तस्वीर के साथ सोशल मीडिया पर वायरल इस मैसेज को लेकर कई तरह के कमेंट किए जा रहे हैं। कुछ लोग इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं तो कुछ इसे एक बढ़िया कदम बता रहे हैं। लेकिन सच क्या है। क्या सच में योहानी डी सिल्वा (Yohani De Silva) को ये नियुक्ती मिली है। जानें क्या है इस वायरल मैसेज का सच...?
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वायरल मैसेज में क्या है?
सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज में बताया जा रहा है कि योहानी को कोलंबो हाईकमीशन में कल्चरल एंबेसडर नियुक्त किया गया है। वे भारत और श्रीलंका के बीच कल्चर को लेकर काम करेंगी। कुछ वेब पोर्टल्स ने भी ऐसा ही दावा किया है।
वायरल मैसेज का सच क्या है?
वायरल दावे की पड़ताल करने के लिए योहानी से जुड़ी कुछ खबरों को सर्च किया गया। इस दौरान कुछ ट्वीट्स भी मिले, जिसमें मुताबिक, इंडियन हाई कमीशन ने श्रीलंका में गाना गाने के लिए योहानी की तारीफ की थी। उन्हें न्यूएस्ट कल्चरल एंबेसडर करार दिया था। लेकिन सोशल मीडिया पर इसे गलत तरीके से प्रचारित किया गया। यह केवल एक प्रशंसा थी। कोई आधिकारिक नियुक्ति नहीं हुई है।
गूगल पर सर्च करने पर 18 सितंबर को फेसबुक पर एक पोस्ट मिली, जिसमें इंडियन हाई कमीशन (कोलंबो) ने योहानी की तारीफ की थी। जब उनके गाने को YouTube पर 110 मिलियन से अधिक बार देखा गया था।
21 सितंबर को योहानी ने अपनी कुछ तस्वीरें इंस्टाग्राम और फेसबुक पर पोस्ट की, जिसमें लिखा, डॉक्टर रेवंत विक्रम सिंह डायरेक्टर, भारतीय सांस्कृतिक केंद्र (जिसे अब स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र कहा जाता है) ने आज अपने कार्यालय में हमारी मेजबानी की।
AFP फैक्ट चेक की टीम ने भारतीय हाईकमीशन से संपर्क किया, जिसके बाद पुष्टि की गई कि 25 सितंबर तक योहानी को आधिकारिक तौर पर सांस्कृतिक राजदूत नियुक्त नहीं किया गया था। इससे पहले एआर रहमान जैसी कई भारतीय हस्तियों को सांस्कृतिक राजनयिक नियुक्त किया गया था, लेकिन उसे लेकर आधिकारिक तौर पर घोषणा की गई थी।
निष्कर्ष
वायरल तस्वीर योहानी की ही है, लेकिन उसके साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह से झूठ है। योहानी को पोस्ट सहित दूसरी खबरों और AFP के सोर्स से पता चला है कि 25 सितंबर तक उन्हें आधिकारिक तौर पर सांस्कृतकि राजदूत नियुक्त नहीं किया गया था। उन्हें लेकर वायरल हो रही पोस्ट फेक है।
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