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FAKE CHECK: क्या हॉलीवुड फिल्म में कोरोना वैक्सीन फेलियर से जॉम्बी बने मरीज? जानिए इस वायरल दावे की सच्चाई
फेक चेक डेस्क. पूरी दुनिया में इस समय कोरोना वायरस महामारी ने अपना जाल बिछा रखा है। लोग बीमार हैं लाखों-करोड़ों मौतें पहले ही हो चुकी हैं। इस समय भारत में कोरोना का सेकेंड स्ट्रेन शुरू हो गया है। ऐसे में सरकार कुछ राज्यों में लॉकडाउन लागू कर रही है। वहीं सोशल मीडिया पर अभी भी फेक न्यूज और अफवाहों की भरमार जारी है। इस बीच सोशल मीडिया पर कोरोना को लेकर एक नई कहानी सामने आई है। लोगों का दावा है कि एक हॉलीवुड फिल्म में कोरोना के वैक्सीन फेलियर की भविष्यवाणी कर दी गई थी। वैक्सीन फेल होने से मरीज जॉम्बी बन गए थे। फेक चेक में आइए जानते हैं कि आखिर सच क्या है?
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फेक चेकिंग में आइए जानते हैं कि क्या हॉलीवुड सुपरस्टार विल स्मिथ स्टारर फिल्म ‘आई एम लेजेंड’ में वैक्सीन की नाकामी से जॉम्बी बनते लोगों की कहानी दिखाई गई थी? सोशल मीडिया पर बहुत सारे लोग ऐसा दावा कर रहे हैं।
वायरल पोस्ट क्या है?
एक फेसबुक यूजर ने इस बारे में लिखा, “मैं किसी को डराना नहीं चाहता लेकिन क्या किसी को आई एम लेजेंड फिल्म याद है? इसमें साल 2021 की कहानी दिखाई गई थी और वैक्सीन के नाकाम होने की वजह से लोग जॉम्बी बन रहे थे।” इस पोस्ट पर यूजर वैक्सीन नहीं लगवाने की बात कर रहे हैं।”
फेक चेक
फिल्म ‘आई एम लेजेंड’ में साल 2021 की नहीं बल्कि साल 2012 की कहानी दिखाई गई थी। इसमें लोग किसी वैक्सीन के नाकाम होने की वजह से नहीं, बल्कि इंसान के बनाए एक वायरस की वजह से जॉम्बी बन रहे थे।
क्या है सच्चाई
साल 2007 में रिलीज फिल्म ‘आई एम लेजेंड’ एक साइंस फिक्शन फिल्म है। इसमें एक ऐसी काल्पनिक महामारी का खौफनाक मंजर दिखाया गया है, जिसमें एक वायरस की वजह से दुनिया के ज्यादातर लोग मर चुके हैं। फिल्म का हीरो रॉबर्ट नेविल एक वैज्ञानिक है जो पूरी फिल्म में रेडियो सिग्नल भेजकर दूसरे जिंदा लोगों से संपर्क करने और वायरस का तोड़ बनाने की कोशिश करता रहता है। फिल्म में रॉबर्ट का किरदार एक्टर विल स्मिथ ने निभाया है।
ये फिल्म रिचर्ड मैथेसन नामक लेखक के उपन्यास ‘आई एम लेजेंड’ पर आधारित थी, जो 1954 में छपा था। इस उपन्यास में भविष्य की कल्पना करते हुए 1970 के दौर की कहानी सुनाई गई थी। फिल्मी स्क्रिप्ट्स की मशहूर वेबसाइट ‘script-o-rama’ के मुताबिक, 2007 में आई फिल्म ‘आई एम लेजेंड’ में 2012 की एक काल्पनिक कहानी दिखाई गई थी। फिल्म समीक्षा की वेबसाइट ‘रील रीव्यूज’ में दी गई इस फिल्म की समीक्षा में भी यही लिखा है कि इसमें कल्पना की गई थी कि साल 2012 में ऐसा होगा।
ये जानकारी चर्चित फिल्म वेबसाइट ‘स्क्रीनरैंट’ में दी गई है। किसी भी विश्वसनीय वेबसाइट में ऐसा नहीं लिखा है कि इस फिल्म में किसी वैक्सीन की नाकामी की वजह से लोग जॉम्बी बन गए थे। इससे पहले ‘रॉयटर्स’ वेबसाइट्स भी इस दावे की फेक चेकिंग कर चुकी है।
ये निकला नतीजा
एक हॉलीवुड फिल्म आज के कोरोना वायरस या वैक्सीन के फिलयर की बात नहीं की गई है। ये दावा एक ऐसे दौर में किया जा रहा है, जब दुनिया भर में कोरोना वायरस से बचाव के लिए लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। जबकि अभी तक देश में सैकड़ों लोगों को वैक्सीन लगवाई जा चुकी है और सभी सुरक्षित और स्वस्थ्य हैं। वैक्सीन को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल ये पोस्ट और दावे सिर्फ भयानक अफवाह हैं।