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करोड़ों की संपत्ति को पीछे छोड़ ये राजकुमारी अब बन गईं साध्वी? वायरल हुईं फोटोज, जानें पूरी सच्चाई
फैक्ट चेक डेस्क. vadodara princess radhika raje gayakvad: जैन धर्म का पर्यूषण पर्व 15 से 22 अगस्त तक मनाया जाएगा। इस साल कोरोना महामारी के चलते इसे ऑनलाइन मनाने पर जोर दिया जा रहा है। इस बीच सोशल मीडिया पर एक राजकुमारी की तस्वीरों के साथ दावा किया जा रहा है कि वे दो करोड़ रुपये का आकर्षक सैलरी पैकेज छोड़कर जैन साध्वी बन गईं। वडोदरा की महारानी राधिका राजे गायकवाड़ के जैन साध्वी बनने की कही जा रही है।
फैक्ट चेक में आइए जानते हैं कि आखिर इस वायरल दावे की सच्चाई क्या है?
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तस्वीरें देख लोग गर्व और सम्मान के साथ इन्हें शेयर कर रहे हैं। जैन ग्रुप्स और फेसबुक पेजेस पर ये पोस्ट जमकर वायरल हो रही है। पर क्या वाकई राजकुमारी ने ऐसा कोई कदम उठाया है ?
वायरल पोस्ट क्या है?
पोस्ट के साथ कैप्शन लिखा है, “सेलेरी पैकेज दो करोड़, MTech, IIT- सब छोड़ कर जैन साध्वी की दीक्षा ली।”
इस पोस्ट को जैन धर्म से जुड़े सोशल मीडिया पेजों पर काफी शेयर किया जा रहा है।
फैक्ट चेक
सोशल मीडिया पर शेयर हो रही पोस्ट की एक तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमने पाया कि कई लोगों ने इसे वडोदरा की महारानी राधिका राजे गायकवाड़ की फोटो बताया है। हमने राधिका राजे गायकवाड़ के सोशल मीडिया अकाउंट खंगाले तो हमें वे सारी तस्वीरें मिल गईं, जो वायरल पोस्ट में हैं।
शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाली राधिका राजे गायकवाड़ ने साल 2002 में वडोदरा के महाराजा समरजीत सिंह गायकवाड़ से शादी की थी। शादी से पहले वह पत्रकार भी रह चुकी हैं। राधिका का परिवार गुजरात के लक्ष्मी विलास पैलेस में रहता है। schoopwhoop वेबसाइट के अनुसार, लक्ष्मी विलास लंदन के बकिंघम पैलेस से भी चार गुना बड़ा है।
हमने लक्ष्मी विलास पैलेस ने इश फेक न्यूज पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने मीडिया को बताया, महारानी राधिका राजे गायकवाड़ के जैन साध्वी बनने से जुड़े दावे में कोई सच्चाई नहीं है। महारानी गायकवाड़ ने खुद भी मीडिया चैनल को कहा कि, उन्होंने जैन धर्म नहीं अपनाया है, हालांकि उनके दिल में जैन धर्म के लिए पूरा सम्मान है।
हमने लक्ष्मी विलास पैलेस ने इश फेक न्यूज पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने मीडिया को बताया, महारानी राधिका राजे गायकवाड़ के जैन साध्वी बनने से जुड़े दावे में कोई सच्चाई नहीं है। महारानी गायकवाड़ ने खुद भी मीडिया चैनल को कहा कि, उन्होंने जैन धर्म नहीं अपनाया है, हालांकि उनके दिल में जैन धर्म के लिए पूरा सम्मान है।
महारानी राधिका राजे गायकवाड़ 2 जून, 2020 को फिक्की फ्लो संस्था के एक ऑनलाइन संवाद कार्यक्रम में शामिल हुई थीं। हमने पाया कि इस कार्यक्रम में उन्होंने जैन धर्म को लेकर कोई बात नहीं कही थी। हमें ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें उनके जैन साध्वी बनने का जिक्र हो।
ये निकली नतीजा
संपन्न परिवार की लड़कियों के जैन साध्वी बनने की खबरें इससे पहले भी कई बार आई हैं। लेकिन वडोदरा की महारानी राधिका राजे गायकवाड़ के जैन साध्वी बनने की बात पूरी तरह मनगढ़ंत है।