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Fact Check: हाथों में चप्पल लिए कहां चले ज्योतिरादित्य सिंधिया, वायरल हुई तस्वीर, जानें सच
फैक्ट चेक डेस्क. jyotiraditya sceindia holding slippers fact check: मध्य प्रदेश में 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए राजनैतिक दलों ने कमर कस ली है। बीजेपी और कांग्रेस, दोनों पार्टियां, उपचुनाव में अधिक से अधिक सीटों पर जीत हासिल करने के लिए पूरा जोर आजमाएंगी। बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और पार्टी के कई अहम नेता 22 अगस्त से ग्वालियर-चंबल अंचल के तीन दिन के दौरे पर है। इस दौरान बीजेपी के सदस्यता ग्रहण अभियान में अधिक से अधिक नए सदस्यों को जोड़ने पर फोकस है। ज्योतिरादित्य सिंधिया इसी क्षेत्र से आते है, इसलिए इस काम के लिए उन पर अधिक दारोमदार है। इसी बीच सोशल मीडिया पर सिंधिया की एक तस्वीर तैरने लगी जिसमें वो हाथ में चप्पल पकड़े दिख रहे हैं। इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स सिंधिया के मान-सम्मान से जोड़कर शेयर कर रहे हैं।
फैक्ट चेक में आइए जानते हैं कि आखिर सच क्या है?
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वायरल पोस्ट क्या है?
ये यूजर्स सिंधिया पर तंज कसते हुए कह रहे कि बीजेपी में सिंधिया को अच्छा सम्मान मिल रहा है और उन्हें बीजेपी नेताओं की चप्पल उठानी पड़ रही है। कुछ इंटरनेट यूज़र्स ने तो ये भी दावा किया है कि सिंधिया के हाथ में शिवराज चौहान की चप्पल है।
18 साल कांग्रेस में बिताने के बाद मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए। उनके समर्थकों ने सिंधिया के कांग्रेस पार्टी से अलग होने को मान, सम्मान और स्वाभिमान की लड़ाई बताया।
इसी मान-सम्मान को हथियार बनाकर अब लोग वायरल तस्वीर के जरिये सिंधिया पर निशाना साध रहे हैं।
फैक्ट चेक
फैक्ट चेकिंग की जांच-पड़ताल में हमने पाया कि तस्वीर के साथ किये जा रहे दावे आधी सच्चाई कुछ और ही है। ये तस्वीर 22 अगस्त को ग्वालियर स्थित फूल बाग मैदान में खींची गई, जब पार्टी का इलाके में मेगा शो चल रहा था। सीएम शिवराज समेत मंच पर बीजेपी के कई दिग्गज नेता मौजूद थे।
दरअसल राज्य के ऊर्जा मंत्री और ग्वालियर से पूर्व विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर ने संकल्प लिया था कि जब तक उनके क्षेत्रवासियों की समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता, वे नंगे पैर रहेंगे। उन्होंने शिवराज सरकार में मंत्री पद की शपथ भी नंगे पैर ली थी। 22 अगस्त को भी प्रद्युम्न सिंह तोमर बीजेपी की सभा में बिना चप्पल पहुंचे थे।
दरअसल राज्य के ऊर्जा मंत्री और ग्वालियर से पूर्व विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर ने संकल्प लिया था कि जब तक उनके क्षेत्रवासियों की समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता, वे नंगे पैर रहेंगे। उन्होंने शिवराज सरकार में मंत्री पद की शपथ भी नंगे पैर ली थी। 22 अगस्त को भी प्रद्युम्न सिंह तोमर बीजेपी की सभा में बिना चप्पल पहुंचे थे।
इसी आयोजन की एक तस्वीर को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी ट्वीट किया। सिंधिया ने ट्वीट में साथ ही लिखा कि क्षेत्र में पेयजल और स्वच्छता संबंधी काम पूरे हो गए है, इसलिए उन्होंने प्रद्युम्न सिंह तोमर की शपथ तुड़वा दी है। बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद प्रद्युम्न सिंह तोमर भी अन्य विधायकों के साथ कांग्रेस से अलग हो गए थे।
ये निकला नतीजा
यहां पर ये बात साफ़ हो जाती है कि जिस तस्वीर को लोग सिंधिया के मान सम्मान पर कटाक्ष करते हुए शेयर कर रहे हैं, उसकी कहानी कुछ और है। सिंधिया ने चप्पल जरूर हाथ में उठाई लेकिन ये उन्हीं की सरकार के मंत्री के लिए थी जो कुछ महीनों पहले तक कांग्रेस का हिस्सा थे। साथ ही चप्पल अकेले सिंधिया ने नहीं, राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी हाथ में ली थी