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FACT CHECK. मुसलमानों को मारने बनाई गई कोरोना से घातक वैक्सीन, पैनिक फैलाने वाली Audio का पर्दाफाश
| Published : Apr 09 2020, 09:36 AM IST
FACT CHECK. मुसलमानों को मारने बनाई गई कोरोना से घातक वैक्सीन, पैनिक फैलाने वाली Audio का पर्दाफाश
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व्हाट्सएप पर ये ऑडियो खूब वायरल हो रहा है। इसके साथ कुछ तस्वीरें भी शेयर की जा रही हैं। एक एयरएशिया के विमान की तस्वीर है जिससे लोग सामान उतार रहे हैं लेकिन असली मामला इसके ऑडियो में है।
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वायरल पोस्ट क्या है? : ऑडियो में एक लड़का कहता है, “वो कोरोना वायरस से जान बचाने के नाम पर ये टीका लगाएंगे। जिसको भी टीका लगा, वो मर जाएगा। ये दवा अमेरिका से आएगी। मोदी ने ट्रंप से ये दवा मंगवाई है। आप इसको देखकर शेयर करिए,” ऑडियो क्लिप में व्यक्ति बाकी लोगों से ये मैसेज फैलाने के लिए कह रहा है।
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क्या दावा किया जा रहा है?: वायरल क्लिप में व्यक्ति कह रहा है, “ये देखो भाई नरेंद्र मोदी अमेरिका गया था और ये दवाइयां अमेरिका में बन चुकी हैं। टीके के नाम पर पुरे हिंदुस्तान में लगवाई जायेंगी और किसको मारना है, किसको जिंदा रखना है और कितनी आबादी कम करनी है ये सब तय होगा। इस इंजेक्शन का अटैक डेढ़ महीने – एक महीने के अंदर होगा।
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बाकी ये लगाये जायेंगे टीके के नाम से और कोरोना वायरस से बचाने के नाम से, और बचेगा नहीं जिसको लगा वो ख़तम, ये अमेरिका से दवाई आने वाली है इंडिया, ट्रम्प से मंगवा रहा है आप इसको देखो और शेयर करो सब जगह।”
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सच्चाई क्या है?: व्हाट्सएप पर वायरल हो रहा ये ऑडियो पैनिक फैलाने की साजिश है। हम दावे के साथ नहीं कह सकते लेकिन इंदौर में डॉक्टर पर हमले की खबर शायद इस ऑडियो के कारण हो सकती है।
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ऐसे झूठे और फर्जी ऑडियो लोगों को गमुराह कर रहे हैं। बात की जाए ऑडियो के साथ शेयर की जा रही तस्वीरों की तो वो बेहद पुरानी फोटोज हैं। तस्वीरों में दिखाए गए विमान के पर एक बैनर दिखता है, जो मलेशिया के झंडे जैसा दिखा।
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गूगल पर सर्च करने पर हमें इसकी रिपोर्ट और तस्वीरें मिलीं। एक तस्वीर में मलयेशियाई प्रांत, साबाह के मुख्यमंत्री दातुक सेरी शफ़ी अपदाल और कोता किनाबालु में चीन के राजदूत लियांग काई, चीन द्वारा दान में दिए गए मेडिकल उपकरणों के साथ दिख रहे हैं। मलेशियाई अख़बार ‘द स्टार’ ने इसे 29 मार्च, 2020 को प्रकाशित किया था। रिपोर्ट के अनुसार, जब फ़रवरी के महीने में चीन कोरोना वायरस से जंग लड़ रहा था, उस वक़्त साबाह सरकार ने चीन की मदद के लिए फंड इकट्ठा करने का एक अभियान चलाया था। तब भारी संख्या में फ़ेस मास्क, प्रोटेक्टिव सूट्स, चश्मे, थर्मामीटर और अन्य उपकरण सौंपे गए थे। ” बदले में चीन ने भी आभार जताकर उपहार भेजे थे। ये तस्वीरें उसी की हैं जो वायरल मैसेज के साथ शेयर की जा रही हैं।
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ये निकला नतीजा: खतरनाक ऑडियो क्लिप में भारत सरकार की ‘कोरोना वायरस के इलाज के नाम पर ज़हर देने की साज़िश’ के बारे में मुसलमानों को चेताया जा रहा है। ये क्लिप फर्जी है और उसके साथ शेयर की गई तस्वीरें चीनी सरकार द्वारा मलयेशिया के साबाह प्रांत में पहुंचाई गई चिकित्सकीय मदद की हैं। इन पर भरोसा न करें। कोरोना वायरस को लेकर देश में बहुत तरह की फेक खबरें चल रही हैं उन पर भरोसा करने से बचें।