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लॉकडाउन में कुछ न खिला सकी तो मां ने गंगा में फेंक दिए भूखे बच्चे, अब पुलिस ने दिखाई रसोई की हालत
| Published : Apr 13 2020, 06:09 PM IST / Updated: Apr 13 2020, 06:21 PM IST
लॉकडाउन में कुछ न खिला सकी तो मां ने गंगा में फेंक दिए भूखे बच्चे, अब पुलिस ने दिखाई रसोई की हालत
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दरअसल जहांगीराबाद गांव निवासी मृदुल यादव उर्फ मुन्ना की पत्नी मंजू यादव (36) अपने पांच बच्चों में शिव शंकर (6) केशव प्रसाद (3), आरती (11), सरस्वती (7) और मातेश्वरी (5) को लेकर जहांगीराबाद घाट पहुंची। उसने सभी बच्चों के साथ गंगा में छलांग लगा दी। जिसके चलते पांचों बच्चे गंगा में डूब गए, वही मंजू तैरकर बाहर आकर घाट के किनारे बैठी रही। ग्रामीणों की निगाह पड़ी तो पूछे जाने के बाद बताया कि मैने अपने पांचों बच्चों को गंगा में डुबो दिया। खबर आते ही रविवार को सोशल मीडिया पर इसको लेकर कमेंट और पोस्ट की बाढ़ सी आ गई।
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वायरल दावा क्या है? दरअसल आउटलुक ने रिपोर्ट छापी की 'दिहाड़ी मज़दूरी करने वाली एक महिला लॉकडाउन के कारण बच्चों को खाना नहीं खिला सकी तो उसने अपने पांच बच्चों को नदी में फेंक दिया। ''
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आम लोग भी लॉकडाउन में भुखमरी झेल रहे मजदूरों जैसे कैप्शन लिखकर इसे शेयर करने लगे। इस रिपोर्ट को कई बड़े पत्रकारों और राजनीतिक पार्टियों ने ट्विटर पर शेयर किया।
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देखते ही देखते पोस्ट वायरल होने लगीं।
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जानी-मानी समाजिक कार्यकर्ता और कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्स-लेनिन) की नेता कविता कृष्णन ने इस घटना का ज़िक्र करते हुए ट्विटर पर एक वीडियो भी शेयर किया। ये काफी वायरल भी हुआ।
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अब जानते हैं कि सच क्या है? खबर वायरल होने के बाद यूपी पुलिस ने पूरा मामला बताया। भदोई के एसपी राम बदन सिंह ने बताया, ''शनिवार की रात डेढ़-दो बजे के लगभग ये घटना हुई थी। रविवार सुबह 9 बजे हमें पता चला की मंजूदेवी ने अपने बच्चे को नदी में फेंक दिए लेकिन ये भूख या लॉकडाउन के असर का मामला नहीं है। महिला का पति शराब पीता था और भी कई तरह के नशे करता था। जिससे दोनों में लड़ाई होती थी. महिला ने इस लड़ाई से तंग आ कर अपने बच्चों को नदी में फेंका और ख़ुद भी कूद गई। हालांकि उसे तैरना आता था तो वो बच गई।''
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इस वक़्त महिला को पुलिस हिरासत में ले लिया गया है। साथ ही भदोई पुलिस ने एक रसोई की दो तस्वीरें शेयर करते हुए ये दावा भी किया है कि मंजू देवी के घर में खाने की कमी नहीं थी। पुलिस ने महिला को मानसिक रूप से बीमार भी बताया है।
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ये निकला नतीजा पुलिस के बयान के मुताबिक, हम ये कह सकते हैं कि भदोही में हुई इस घटना को गलत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है। घटना सही है लेकिन ना तो महिला दिहाड़ी मज़दूर है और ना ही लॉकडाउन में खाना न मिलने के कारण उसने बच्चों को नदी में फेंका है।