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FACT CHECK: क्वारंटाइन के बहाने जबरन डिटेंशन सेंटर में डाले जा रहे मुसलमान, जानें अफवाह का सच
नई दिल्ली. कोरोना वायरस (CoronaVirus) ने भारत में अपने पैर पसार लिए तो सरकार ने लोगों की आवाजाही मिलना-जुलना बंद कर दिया है। वायरस को कंट्रोल करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार काम कर रही हैं। लोग घरों में बंद होकर लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। देश में बहुत से लोग वायरस को लेकर जागरूक नहीं हैं। ऐसे में कई राज्यों जैसे इंदौर, उत्तर प्रदेश आदि से डॉक्टरों की टीम हमले की खबरें आई हैं। इंदौर में विशेष समुदायों के लोगों ने मेडिकल टीम पर हमला किया था। बीते दिनों मुरादाबाद में भी कोरोना से मरे परिवार को आइसोलेशट करवाने गई टीम और पुलिस पर हमला किया गया।
अब इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में कहा जा रहा है कि विशेश समुदाय के लोगों को क्वारांटाइन के बहाने डिटेंशन सेंटर में डाला जा रहा है। इससे बवाल मच गया है। फैक्ट चेकिंग में हमने इस वीडियो की जांच-पड़ताल की ताकि सच सामने आए।
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कोरोना वायरस से बचाव लिए तमाम मैसेज बिना सोचे फॉरवर्ड किए जा रहे थे। नतीजन सरकार और यहां तक WHO को सामने आकर इसे खारिज करना पड़ा था। अब विशेष समुदाय को लेकर वायरल हो रहे इन दावों ने सरकार की नींद उड़ा दी। आशंका ये भी है कि इन वीडियो को देख ही लोग मेडिकल टीम पर हमले कर रहे हैं?
(Demo Pic)
वायरल पोस्ट क्या है?
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि एक समुदाय के लोगों को #Covid_19 के बहाने जबरन क्वारनटीन में ले जाया जा रहा है जो वास्तव में डिटेंशन केंद्र हैं।
(Demo Pic)
क्या दावा किया जा रहा है?
दावा किया जा रहा है कि कुछ खास समुदाय को जबरदस्ती Quarantine में रखा जा रहा है। इस वीडियो को लोग तेजी से शेयर भी कर रहे हैं। इस वीडियो पर मूरख जनता ने भरोसा करना भी शुरू कर दिया है। वीडियो में दावा किया गया कि मुस्लिम लोगों को कोरोना का संक्रमित बताया जाएगा और फिर पुलिस और मेडिकल टीम उनको उठाकर ले जाएगी और डिटेंशन सेंटर्स में झोंक देगी।
सच्चाई क्या है?
PIB फैक्ट चेक ट्विटर हैंडल से इस दावे को खारिज किया है। ये सरकारी संस्था है जो कहती है कि ये है कि ये दावा झूठा है। ऐसी खबरों का उद्देश्य समाज में केवल भेदभाव पैदा करना है। पूरा देश कोरोना से जूझ रहा है। सरकार विशेष समुदाय के लोगों को डिटेंशन सेंटर में नहीं डाल रही है।
बल्कि कोरोना संक्रमित लोगों के कारण आम जनता में महामारी न फैल जाए इसके लिए लोगों को आइसोलेट करवाने टीम भेजी जा रही है। ये कोरोना रोगी और उसके परिवार के लिए बेहद जरूरी और सुरक्षात्मक कार्रवाई है। इसमें जनता को सहयोग देना चाहिए।
(Demo Pic)
फर्जी दावों और खबरों के बहकावे में न आएं लोग
तो देखा नआपने कि कैसे हमारे समाज से तेजी से फेक न्यूज वायरल हो रहा है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी बनती है कि लोगों तक इसके सच को पहुंचाए। कोरोना के नाम पर लोगों के अंदर नफरत के बीज बोए जा रहे हैं, ऐसे में पढ़ें-लिख वर्ग को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि बिना जांचे परखे कोई खबर, वीडियो फॉरवर्ड न करें।
आपकी एक गैर-जिम्मेदारना हरकत समाज की शांति को भंग कर सकती है। वहीं किसी भी खबर पर संदेह हो तो उसे किसी विश्ववसनीय जगह, संस्थान या लोगों से एक बार जरूर कंफर्म करें। आप खुद भी एक बार गूगल पर चेक कर सकते हैं।
(Demo Pic)
ये निकला नतीजा
तबलीगी जमात के मामले के बाद सैकड़ों कई फेक वीडियो के साथ कुछ खास समुदाय को द्वारा कोरोना को फैलाने का आरोप लगाया गया था। ये सभी वीडियो और खबरें फर्जी निकलीं। पुलिस ने फेक न्यूज को लेकर सख्ती बरती है। कई लोग गिरफ्तार भी हुए हैं।
कुछ लोग समाज की फेक खबर को फैलाकर यहां के माहौल को खराब करना चाहते हैं। इनसे बचें। आए दिन सोशल मीडिया पर ऐसी कई फेक खबर वायरल हो जाती है, जो समाज में तनाव की स्थिति पैदा कर देती है। कोरोना और लॉकडाउन के समय में इसके हालात और ज्यादा बदत्तर हो गए हैं।
(Demo Pic)