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राजीव गांधी ने 1989 में कर दिया था राम मंदिर का भूमि पूजन? वायरल हुई ये पुरानी तस्वीर, FACT CHECK में जानें सच
फैक्ट चेक डेस्क. Rajiv Gandhi At Ram Temple Bhoomi Pujan: एक तरफ खबरें हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर ‘भूमि पूजन’ में शामिल होने जा रहे हैं। दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की एक तस्वीर वायरल हो रही है। ब्लैक एंड वॉइट इस तस्वीर में राजीव गांधी के साथ कुछ लोग धार्मिक वेषभूषा में दिख रहे हैं। इस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीर राम मंदिर के 'उस भूमि पूजन की हैं जो 9 नवंबर, 1989 को हो चुका है।' सोशल मीडिया पर ये तस्वीर काफी तेजी से वायरल हो रही है।
फैक्ट चेकिंग में आइए जानते हैं कि आखिर सच क्या है?
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5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन होना तय है। अयोध्या नगरी सजाई जा रही है। और इस कार्यक्रम में भारी संख्या में लोग शामिल होंगे। इस बीच राजीव गांधी की इस पुरानी तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ है।
वायरल पोस्ट क्या है?
पोस्ट में तस्वीर के साथ हिंदी में लिखा गया है, 'ये तस्वीरें हैं उस भूमिपूजन की जो 9 नवम्बर 1989 को हो चुका है। याने कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को, जिसे हम देवउठनी एकादशी कहते हैं। कोंग्रेस की सरकार ने भी उस समय तिथि का खयाल रखा था। तब के पण्डे आज की तरह ढोंगी नहीं थे। उन्हें सब बातों का खयाल था। माफ कीजिये सरकार, आप सिर्फ हिन्दुत्व का ढोंग करते हैं, सनातन वैदिक धर्म व उसकी परम्परा का चुटकी भर ज्ञान नहीं आपको।'
यह पोस्ट फेसबुक पर खूब वायरल है। सैकड़ों यूजर्स ने इस तस्वीर को इसी कैप्शन के साथ शेयर किया है।
फैक्ट चेक
रिवर्स सर्च की मदद से हमने पाया कि ये तस्वीर कई वेबसाइट्स के अलावा 'Wikimedia Commons ' पर भी उपलब्ध है। यहां फोटो के विवरण में लिखा गया है, 'भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी सोवियत के हरे कृष्णा सदस्यों से भगवद्गीता की प्रति प्राप्त करते हुए जो कि रूसी भाषा में है। नई दिल्ली 1989' इस फोटो का कॉपीराइट रूसी इस्कॉन के पास बताया गया है।
ये तस्वीर इस्कॉन की ओर प्रकाशित एक किताब की कवर पर मौजूद कोलाज में भी है। इस किताब का नाम है, 'द कृष्णा कॉन्शसनेस मूवमेंट इन द USSR: ए हिस्टोरिकल आउटलाइन फ्रॉम 1971-89'
यह सच है कि राजीव गांधी सरकार ने विवादित राम मंदिर स्थल के पास 9 नवंबर, 1989 को "शिलान्यास" की अनुमति दी थी। खबरों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव से पहले हुए इस शिलान्यास समारोह से राजीव गांधी ने दूरी बनाकर रखी थी।
ये निकला नतीजा
जाहिर है कि राजीव गांधी की जो तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, वह अयोध्या में राम मंदिर के ‘भूमि पूजन’ की नहीं है। तस्वीर में राजीव गांधी इस्कॉन के सोवियत सदस्यों से मुलाकात कर रहे थे।