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इतना भव्य और आलीशान होगा राम मंदिर... 3D चित्रांकन का वीडियो हुआ वायरल? जानें इसका सच
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अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसपर मुहर लगा दी है। सीएम योगी ने शनिवार को अयोध्या में साधु-संतों के साथ बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। उनके आगमन के समय के पहले ही अयोध्या को पूरी तरह स्वच्छ और सुसज्जित किया जाएगा।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर ‘Kailash Fogla’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”ARCHITECTURAL VIEW OF PROPOSED RAM MANDIR”
सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इसे अयोध्या में बनने वाले प्रस्तावित राम मंदिर का वास्तुशिल्प मानकर शेयर किया है।
फैक्ट चेक
गौरतलब है कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद राम मंदिर के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट का गठन किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 फरवरी 2020 को इस बारे में लोकसभा में घोषणा की थी।
सर्च में हमें न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की फोटो गैलरी में 22 अक्टूबर 2019 को अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के प्रस्तावित मॉडल की तस्वीर मिली, जो कहीं से भी वायरल हो रही तस्वीर से मेल नहीं खाती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘अयोध्या के प्रस्तावित राम मंदिर के मॉडल के डिजाइन को नए सिरे से अंतिम रूप दे दिया गया है, जिस पर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भी अंतिम मुहर लगा दी है। नए लेआउट के तहत मंदिर पहले अधिक भव्य बनेगा। इसमें पांच नहीं, बल्कि आसमान छूते छह शिखर होंगे।’
प्रस्तावित राम मंदिर के नक्शे में किए गए बदलाव की जानकारी भी हमें मिली। एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रस्तावित मंदिर के मूल रूप में कोई बदलाव नहीं होगा और मंदिर अब दो मंजिल की बजाए तीन मंजिल का होगा।
न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, वास्तुशिल्पी चंद्रकांत सोमपुरा ने प्रस्तावित राम मंदिर के मूल मॉडल का निर्माण किया था। ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य शिल्पीकार चंद्रकांत सोमपुरा के दोनों बेटे निखिल और आशीष सोमपुरा को मंदिर के नए मॉडल को तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है।
वायरल हो रही तस्वीर को आशीष सोमपुरा ने फर्जी बताया है। आशीष ने वायरल तस्वीर को फर्जी बताते हुए कहा, ‘यह प्रस्तावित राम मंदिर की तस्वीर नहीं है न ही 3 D चित्रांकन है।’
इसके बाद हमने वायरल हो रही तस्वीर के ओरिजिनल सोर्स को खोजने की कोशिश की। गूगल रिवर्स इमेज सर्च में हमें यह तस्वीर ‘टेंपल ऑफ द वैदिक प्लेनेटेरियम’ (TOVP) की वेबसाइट tovp.org की फोटो गैलरी में मिली। तस्वीर के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, यह इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कंसियसनेस (इस्कॉन) का प्रोजेक्ट है, जिसका निर्माण कार्य जारी है।
वेबसाइट के फेसबुक पेज पर दी गई जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के मायापुर में बन रहे इस मंदिर के निर्माण कार्य का पहला चरण पूरा किया जा चुका है और दूसरे चरण की शुरुआत हो चुकी है। मंदिर का शुभारंभ 2022 में गौर पूर्णिमा के दिन किया जाना है।
TOVP के यू-ट्यूब चैनल पर हमें इस निर्माणाधीन मंदिर के मास्टर प्लान का वीडियो मिला, जिसमें इसके 3-D वास्तुशिल्प को दिखाया गया है।
यानी जिस वास्तुशिल्प को अयोध्या के प्रस्तावित राम मंदिर का बताकर वायरल किया जा रहा है, वह वास्तव में इस्कॉन के निर्माणाधीन ‘टेंपल ऑफ द वैदिक प्लेनेटेरियम’ की 3-D इमेज है।
ये निकला नतीजा
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर की तस्वीर के दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट फर्जी है। राम मंदिर के नाम पर शेयर की जा रही तस्वीर बंगाल में बन रहे इस्कॉन के ‘टेंपल ऑफ द वैदिक प्लेनेटेरियम’ (TOVP) का 3-D मॉडल है, जिसका निर्माण कार्य चल रहा है, जिसका शुभारंभ 2022 में किया जाना है। ऐसे में राम मंदिर के नाम वायरल हुआ दावा फर्जी है।