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500 रु. दिहाड़ी पर CAA के खिलाफ प्रोटेस्ट कर रहे लोग, वायरल फोटो की सच्चाई जान उड़ जाएंगे होश
नई दिल्ली. दिल्ली के शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहा है। सैकड़ों लोगों की भीड़ शाहीन बाग में जमा है। लगातार युवा और महिलाएं यहां विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि, प्रोटेस्ट में शामिल लोग पैसों के लिए सीएए कानून के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। यहां 500 दिहाड़ी पर लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लंबे समय से चल रहे शाहीन बाग प्रोटेस्ट में अधिकरत मुस्लिम महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। ऐसे में 'पेड प्रोटेस्ट' की जब खबर सामने आई तो हमने इसकी फैक्ट चेकिंग की तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई।
| Published : Jan 20 2020, 02:35 PM IST
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दक्षिणी दिल्ली के इलाक़े शाहीन बाग में लंबे समय से महिलाएं बच्चों के साथ-साथ सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां करीब 15 दिसंबर, 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर दिल्ली पुलिस की हिंसाात्मक कार्रवाई के बाद आंदोलन शुरू हुआ। ज्यादातर मुस्लिम महिलाओं द्वारा नेतृत्व किया गया, यह सीएए के खिलाफ सबसे लंबे समय तक जारी विरोध है। अब बीते दिनों से सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हो रही है कि यहां शाहीन बाग में पैसे देकर विरोध प्रदर्शन और रैली करवाई जा रही हैं। इसके लिए ट्विटर, फेसबुक जैसे प्लैटफॉर्म पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं।
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दिल्ली के शाहीन बाग में बीते कई दिनों से लगातार भीषण विरोध प्रदर्शन जारी है। भारी भीड़ मौजूद है। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का विरोध चल रहा है। ऐसे में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर आई जिसमें दावा किया गया कि मात्र 500 रुपये की रिश्वत देकर भाड़े के प्रदर्शनकारी बुलाए गए हैं। एक बंद दुकान के सामने खड़ी महिलाओं और बच्चों के पीछे पोस्टर चिपका है जिसमें लिखा है "फिक्स रेट 500 / दिन, 7 बजे से 12 बजे शाहीन बाग"। ये बैनर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
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सैकड़ों लोगों की भीड़ शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। ऐसे में दावा किया जा रहा है कि यहां पैसे देकर रैली निकाली जा रही हैं। लोग 500 रुपये में नारेबाजी कर रहे हैं। हालांकि वायरल हो रहे पोस्टर और बैनर की सत्यता जाने बगैर लोगों ने इसे शेयर कर दिया था।
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सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस तस्वीर की जब हमने फैक्ट चेकिंग की तो होश उड़ गए। दरअसल वायरल तस्वीर से एकदम उलट जानकारी सामने आई। गूगल रिवर्स सर्च इमेज में ये फोटो प्रोटेस्ट की है लेकिन उस पर लिखे शब्द बदल दिए गए। मूल बैनर में लिखा हुआ है, "सीएए और एनआरसी को वापस लो" यह तस्वीर 7 जनवरी, 2020 को शाहीन बाग के चल रहे विरोध प्रदर्शनों में ली गई थी। छवि हफिंगटन पोस्ट इंडिया पर प्रकाशित हुई थी। पर इसी तस्वीर के साथ छेड़छाड़ कर फोटोशॉप के जरिए इसके साथ पेड प्रोटेस्ट करके वायरल कर दिया गया। ऐसे में ये साबित होता है कि तस्वीर और उसके साथ दावा पूरी तरह फर्जी है।
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एक और तस्वीर ट्विटर पर समाने आई जिसमें लिखा था, नो कैश, नो पेटीएम, नो अकाउंट, इसके जरिए किसी भी शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन में शामिल वॉलेंडियर को पैसा लेने या देने की मनाही की गई थी। इस तस्वीर के जरिए ये बताया गया कि यहां पेड प्रोटेस्ट नहीं चल रहा है।