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जले हुए घर की चौखट पर बैठी मां के सीने से लिपटकर रोए बच्चे, डरावना है वायरल फोटो का सच
नई दिल्ली. राजधानी में नागरिकता कानून के समर्थन और विरोध में दो पक्षों की बीच हुई झड़प ने शहर के कई हिस्सों को खाक कर दिया गया। हिंसा ने दंगों को रूप ले लिया और इसमें 47 लोगों की मौत हो गई। बहुत से लोग घायल हुए। हिंसा में उपद्रवियों ने घर, स्कूल, पेट्रोल पंप जला दिए। दिल्ली दंगों में प्रभावित इलाकों में लोग बेघर हो गए हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि, ये फोटो दिल्ली हिंसा की है जब बच्चे मां से लिपटकर रो रहे हैं और वो अपने जले हुए घर के दरवाजे पर बैठी है। फैक्ट चेक में आइए जानते हैं वायरल हो रही इस खबर की पूरी सच्चाई आखिर क्या है...
| Published : Mar 03 2020, 10:58 AM IST / Updated: Mar 03 2020, 11:02 AM IST
जले हुए घर की चौखट पर बैठी मां के सीने से लिपटकर रोए बच्चे, डरावना है वायरल फोटो का सच
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दिल्ली में हुई हिंसा के बाद घटना से जुड़ी तस्वीरें, वीडियो वगैरह शेयर किए जा रहे हैं। फेसबुक, ट्विटर पर लोग एक तस्वीर को शेयर कर रहे हैं जिसको दिल्ली हिंसा से जुड़ा बताया जा रहा है।
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इस फोटो में एक महिला अपने तीन बच्चों को सीने से लगाकर बैठी है। बच्चे घबराए लग रहे हैं और रोते दिख रहे हैं। तस्वीर के साथ लिखे कैप्शन के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा गया है।
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तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि, फोटो दिल्ली दंगों की है जब मुसलमानों और हिंदुओं के बीच हिंसा हुई और सैकड़ों घर जला दिए गए। इसमें इस महिला का घर भी जल गया और वो अपने बच्चों के साथ जले हुए घर की चौखट पर बैठी विलाप कर रही है। फोटो के साथ कहा जा रहा है कि, ये बच्चे इन दंगों को हमेशा याद रखेंगे।
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यह एक मार्मिक तस्वीर है जो किसी को भी परेशान कर सकती है। लेकिन क्या यह दिल्ली हिंसा से जुड़ी है? तो हम आपको बता दें कि, फैक्ट चेकिंग में हमने गूगल रिवर्स सर्च इमेज में इस तस्वीर को दिल्ली हिंसा से जुड़ा नहीं पाया। यह तस्वीर दिल्ली तो क्या भारत के किसी भी हिस्से की नहीं है। दरअसल, यह फोटो साल 2014 में युद्धग्रस्त देश सीरिया में खींची गई थी। तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने से रिजल्ट्स में हमें यह फोटो Getty Images पर मिली। तस्वीर के साथ लिखे कैप्शन के मुताबिक, सीरिया के अलेप्पो से सटे साहौर शहर में 14 मई, 2014 हुई बमबारी में अपना घर खोने के बाद यह महिला अपने बच्चों को हौसला दे रही है। तस्वीर के लिए ZEIN AL-RIFA/AFP को क्रेडिट दिया गया था।
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इस तस्वीर को दिल्ली हिंसा से जुड़ा बताकर फर्जीवाड़ा फैलाया जा रहा है। गलत जानकारी के साथ सीरिया बमबारी की फोटो शेयर की जा रही हैं। इतना ही नहीं पिता की अर्थी के पास रो रहे एक बच्चे की तस्वीर के साथ दावा किया गया है कि यह बच्चा और कोई नहीं बल्कि दिल्ली हिंसा में मारे गए IB अफसर अंकित शर्मा का बेटा है।
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जबकि असल वो बच्चा दिल्ली हिंसा में मारे गाए मुद्दसिर का भांजा है। न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के लिए फटॉग्रफर अदनान अबिदी ने यह फोटो 27 फरवरी, 2020 को खींची थी।