अब दूध पीने से नहीं होगी एसिडिटी की शिकायत, बस डाइट में इस तरह करें शामिल
- FB
- TW
- Linkdin
दूध में लेक्टोज तत्व (lactose) की भरपूर मात्रा पाई जाती है जिसके कारण इसे पचने में समय लगता है। कई बार इसका सेवन करने से पेट दर्द, अपच और एसिडिटी की समस्या भी हो जाती है।
कुछ फूड और ड्रिंक अगर खाली पेट लिए जाएं तो सेहत को नुकसान हो सकता है। इन्हें खाने से शरीर में एसिड का लेवल बढ़ता है। इन्हीं ड्रिंक्स में से एक है दूध। दूध में मौजूद सैचुरेटेड फैट (Saturated fat) और प्रोटीन (Protein) पेट की मसल्स को कमजोर कर सकते है, इसलिए इसे खाली पेट कभी नहीं पीना चाहिए।
अक्सर लोग दूध का पैकेट खोलकर डायरेक्ट पी लेते हैं। ऐसा करना बिलकुल गलत है। हमें कभी भी कच्चा दूध बिल्कुल नहीं पीना चाहिए। यह पेट के लिए सही नहीं होता है।
कहा जाता है कि लोगों को रात के समय गर्म दूध पीकर सोना चाहिए, लेकिन जिन्हें गैस्ट्रिक समस्या होती है उन्हें ठंडा दूध ही पीना चाहिए। इससे दूध आसानी से हजम होता है और पेट में जलन से भी राहत मिलती है।
दूध और हल्दी का कॉम्बिनेशन सदियों से चला आ रहा है। बड़े- बुजुर्ग हल्दी वाला दूध पीने की सलह देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि हल्दी डालकर दूध पीने से यह जल्दी हजम होता है।
दूध में जरा सा अदरक कद्दूकस कर डालकर पीने से यह कफ नहीं बनाता है। साथ ही अदरक, लौंग, इलायची और केसर डालकर पीने से पेट फूलने की समस्या से आराम मिलता है।
पेट की एसिटिडी को कम करने के लिए दो चम्मच इसबगोल को ठंडे दूध में मिलाकर खाने के बाद पीने से एसिडिटी नहीं होती है।
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को एसिडिटी की ज्यादा दिक्कत होती है। ऐसे में उन्हें गर्म दूध की जगह ठंडा दूध ही पीना चाहिए। दूध पीने के तुरंत बाद लेटे नहीं, थोड़ा वॉक जरूर करें।
कई बार बच्चों को दूध पीने के बाद तुरंत उल्टी हो जाती है। ऐसे में बच्चों के दूध में इलायची पाउडर मिलाकर पिलाने से उल्टी नहीं होती है। याद रखें कि बच्चों को एक साथ पूरा दूध नहीं पिलाना चाहिए, उन्हें धीरे-धीरे दूध देना चाहिए। साथ ही छोटे बच्चों को दूध पिलाने के बाद डकार जरूर दिलवाएं।