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ऐसे करें असली और नकली गुड़ की पहचान, थोड़ी सी लापरवाही से सेहत पर पड़ सकता है खतरनाक असर
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गुड़ एक सुपर फूड है। यह शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करता है। इसमें कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, पोटैशियम, जिंक, प्रोटीन, विटामिन बी आदि पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसकी तासीर गरम मानी जाती है, इसलिए ठंड के दिनों में इसका सेवन करना चाहिए।
गुड़ हमारी सेहत के लिए कितना फायदेमंद है ये तो हम जानते हैं। अपनी हेल्थ को देखते हुए ही हम सर्दी के दिनों में गुड़ से बनी चीजें खाते हैं। लेकिन जिस गुड़ को आप अच्छा समझ कर खा रहे हैं, वो आपकी सेहत पर बुरा प्रभाव भी डाल सकता है।
जी हां, बाजार में आजकल नकली गुड़ का धंधा चरम पर है। थोड़े से पैसों के लिए लोगों के शरीर के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। ऐसे में आपको सतर्क रहने की जरूर है।
आमतौर पर मिलावटी गुड़ में कैल्शियम कार्बोनेट और सोडियम बायकार्बोनेट मिलाया जाता है, जो शरीर के लिए बहुत नुकसान दायक है।
कैल्शियम कार्बोनेट को गुड़ में इसलिए मिलाया जाता है ताकि उसका वजन बढ़ाया जा सके। वहीं सोडियम बायकार्बोनेट का प्रयोग पीला रंग मिलाने के बाद उसके लुक को निखारने के लिए किया जाता है।
गुड़ खरीदते समय ध्यान दें कि हमेशा वहीं गुड़ चुनें, जिसका रंग ज्यादा भूरा हो। पीले रंग या हल्के भूरे रंग वाला गुड़ न चुनें, ये मिलावटी होता है।
असली गुड़ बनाने के लिए गन्ने के रस को बड़े-बड़े कड़ाहों में तब तक उबाला जाता है जब तक इस में से पानी वाष्पित न हो जाए। इस दौरान गन्ने के रस में कुछ अशुद्धियां और उबलने से हुई रासायनिक क्रियाओं के कारण इसका रंग गहरा लाल या ब्राउन हो जाता है। इसके बाद इसमें कुछ प्राकृतिक चीजें डालकर अशुद्धियां निकाल दी जाती हैं।
ऐसे में इसके रंग में बहुत बदलाव नहीं आता है लेकिन बाजार में मिलने वाले नकली गुड़ का रंग आपको सफेद, हल्का पीला या कुछ लाल चमकदार मिलेगा। इसे आप पानी में डालेंगे, तो मिलावटी पदार्थ बर्तन के नीचे बैठ जाएंगे, जबकि शुद्ध गुड़ पूरी तरह से पानी में घुल जाएगा।