गुरुद्वारे में ऐसे बनाई जाती है लंगर वाली दाल, 1 नहीं, घी से 2 बार लगाते हैं छौंक
फ़ूड डेस्क: ये बात तो आपने भी नोटिस की होगी कि भंडारे में मिलने वाले खाने का स्वाद ही कुछ और होता है। आप चाहे कितनी भी कोशिश कर लो, घर पर बनाते हुए उनमें वैसा स्वाद नहीं आता। आपने गुरुद्वारे में कई बार लंगर खाया होगा। इस लंगर में मिलने वाले खाने के स्वाद का कोई तोड़ नहीं होता। खासकर लंगर की दाल का कोई जवाब नहीं। इसे बनाने का एक ख़ास तरीका होता है,जिसके बारे में ज्यादा लोगों को नहीं पता होता है। आज हम आपको लंगर की दाल बनाने का यही सीक्रेट तरीका बताने जा रहे हैं।
- FB
- TW
- Linkdin
लंगर वाली दाल बनाने के लिए सबसे पहले उड़द और चने की दाल एक कटोरी लेकर उसे अच्छे से धो लें। इसके बाद धुली हुई दाल से पानी निकाल लें।
अब दाल को एक बर्तन में डालकर रात भर के लिए भिगो दें। ताकि दाल को पकाने में कम समय लगे। सुबह इससे पानी निकाल दें।
एक कड़ाही में पानी डालें और उसे उबाल लें। अब इसमें धुली हुई दाल डाल दें। इसमें नमक, हल्दी, मिर्च पाउडर, कटी हुई अदरक, हरी मिर्च और एक चम्मच घी डाल दें।
दाल में डाले गए सारे मसालों को अच्छी तरह मिला लें। इसे उबलने तक चलाएं। अब कड़ाही को लिड से ढंक दें।
कड़ाही से ढक्कन हटा-हटा कर इसे बीच-बीच में चलाते रहे। इसे तब तक पकाना है जब तक दाल एक दम अच्छे से गल ना जाए। इसका टेक्स्चर गाढ़ा ही रखेंगे।
जब दाल इतनी गाढ़ी हो जाए, तो इसे गैस से उतार दें। तब तक हम तैयार करेंगे दाल का तड़का।
तड़के के दूसरे पैन में दो चम्मच घी डालें। अब इसमें जीरा और कटा हुआ अदरक मिलाएं। इसे अच्छे से भून लें। आखिर में इसमें कटी हरी मिर्च मिलाएं।
थोड़ी देर बाद इसमें एक बारीक कटा टमाटर मिला दें। जिसमें हल्दी, मिर्च पाउडर मिलाकर उसे गलने देंगे।
जब टमाटर अच्छी तरह गल जाए तो इसमें तैयार दाल डाल दें। साथ ही एक कप पानी मिला दें। कड़ाही का ढक्कन का ढक्कन लगा दें और 10 मिनट और पकने दें।
अब दुबारा तड़के वाले पैन में घी गर्म करें और उसमें लाल मिर्च डालें। इसके ऊपर धनिया पत्ती और कटी हुई अदरक डाल दें। इसे दाल के ऊपर डाल दें। लीजिये तैयार है लंगर वाली दाल।