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मीठे नहीं, हरी मिर्च से तीखे हैं ये नर्म रसगुल्ले, 10 रुपए का नोट लेकर खाने पहुंचती है लोगों की भीड़
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पश्चिम बंगाल के रसगुल्ले वैसे तो वर्ल्ड फेमस है। लेकिन क्या आपने कभी यहां के तीखे रसगुल्लों के बारे में सुना हैं? यहां के मिदनापुर में एक मिठाई की दुकान पर गरम और तीखे रसगुल्ले खूब मशहूर है।
इस दुकान पर मिठाई बनाने वाले कहते हैं कि यहां रसगुल्ले के साथ कई प्रयोग किए जाते हैं जिनमें से एक यह है। रसगुल्ले बनाने वाले अरिंदम शॉ का कहते है कि 'पहले मैं गुड़, केसर, हाजर और आम से बने नॉर्मल रसगुल्ले बनाता था लेकिन मुझे एहसास हुआ कि लोग टेस्ट में बदलाव चाहते हैं। इसलिए हमने तीखे रसगुल्लों का बनाना शुरू किया'।
मिदनापुर रसगुल्लों के अलग-अलग स्वाद के लिए मशहूर है। मिठाई की इस दुकान पर लोगों की भीड़ लगती ही रहती है। लेकिन यहां सबसे ज्यादा गर्म और तीखे रसगुल्ले ही फेमस है।
डायबिटीज की शिकायत होने के चलते कई लोग चाशनी में डूबे रसगुल्ले खाने से बचते हैं। ऐसे में मीठा खाने की इच्छा होने पर वो इन रसगुल्लों का स्वाद चख सकते हैं।
अगर तीखे रसगुल्ले सुनकर आपके मुंह में पानी आ रहा है तो आप भी इस अलग टेस्ट को ट्राई कर सकते हैं। दुकान में इस रसगुल्ले की कीमत भी सिर्फ 10 रुपए है।
आपको बता दें कि इन तीखे रसगुल्लों के साथ एक कहानी यह भी है कि 1845-1855 में फूलिया के हरधन मोयरा ने अपनी बेटी के लिए इसी तरह की मिठाई बनाई थी। उन्होंने ताजे कॉटेज चीज यानी पनीर को उबलती चाशनी में डाल दिया था। जिसके बाद से रसगुल्लों पर कई तरह के नए प्रयोग किए गए।