MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • Lifestyle
  • Food
  • यहां ठंड में चाव से खाई जाती है लाल चींटी की चटनी, पत्थर पर अदरक-लहसुन डाल आधे घंटे पीसती हैं महिलाएं

यहां ठंड में चाव से खाई जाती है लाल चींटी की चटनी, पत्थर पर अदरक-लहसुन डाल आधे घंटे पीसती हैं महिलाएं

फूड डेस्क: आजतक आपने कई तरफ की चटनी खाई होगी। भारत में तो लगभग हर घर में चटनी बनाई और खाई जाती है। इसकी कई वेरायटी होती है। किसी को धनिया की चटनी पसंद है तो किसी को मिर्च की। आम की चटनी भी शौक से खाई जाती है। चटनी में भी कई तरह के स्वाद आपको मिल जाएंगे। आपको खट्टी, मीठी और तीखी चटनी के ऑप्शन मिल जाएंगे। लेकिन क्या आपने कभी लाल चींटी की चटनी खाई है? जी हां, वही लाल चींटी, जिसके एक बाईट से तेज दर्द होता है। जो अगर आपको काट ले तो अगले कुछ घंटे बेहद दर्दभरे होते हैं। इसी लाल चींटी की चटनी को भारत के एक गांव में चाव से खाया जाता है। आज हम आपको दिखाने जा रहे हैं कैसे जंगल से लोग इन लाल चींटियों को पकड़कर लाते हैं और फिर इन्हें पत्थर पर पीसकर चटनी तैयार करते हैं... 

2 Min read
Asianet News Hindi
Published : Dec 13 2020, 12:46 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
17

झारखण्ड राज्य के जमशेदपुर से 70 किलोमीटर दूर चाकुलिया के मटकुरवा गांव में आदिवासी लोगों के बीच लाल चींटी की ये चटनी काफी मशहूर है। वहां के लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं।  

27

लोगों का कहना है कि ये चटनी काफी लजीज होती है। साथ ही इसे खाने से ठंड के मौसम में कई बीमारियों से बचा जा सकता है। ये चटनी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। 

37

आदिवासी समाज के ये लोग पहले करंज और साल के पेड़ में बने इन चीटियों के घर ढूंढते हैं। इसके बाद इन चीटियों को हांडी में भर लिया जाता है। 

47

घर पर लाने के बाद महिलायें इन्हें पत्थर पर पीसती हैं। सिलबट्टे पर पीसते हुए इन चीटियों में नमक, मिर्च, अदरक, लहसुन को भी मिलाया जाता है। 

57

इन चीटियों को मसाले के साथ आधे घंटे तक पीसा जाता है। तब जाकर इसका असली टेस्ट निकल कर आता है। इसे बच्चों के साथ बड़े तक चाव से खाते हैं। 

67

गांव वालों का कहना है कि ये चीटियां साल में एक बार ठंड के ही मौसम में पेड़ों पर घर बनाती हैं। इन चीटियों को बेहद सावधानी से पकड़ा जाता है ताकि वो काट ना पाए। 
 

77

इस चटनी को लोकल लोग कुरकु कहते हैं। इसे खाने से ठंड में कई बीमारियों से  गांव वाले बच जाते हैं। मसाले डालने से इसका स्वाद लाख गुना बढ़ जाता है। 
 

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved