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कोरोना होने पर अस्पताल में भर्ती होना जरूरी नहीं, घर में ही कर सकते हैं आसानी से इलाज
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होम आइसोलेशन
अगर कोरोना के लक्षण दिखें तो होम आइसोलेशन पहला कदम होना चाहिए। होम आइसोलेशन में रहने से संक्रमण दूसरे लोगों में नहीं फैलता है। इसके साथ कोरोना संक्रमण होने पर सामान्य निर्देशों का पालन करना चाहिए। हाथ साफ करना, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना और पौष्टिक व आसानी से पचने वाला भोजन लेना जरूरी है।
(फाइल फोटो)
ऑक्सीजन लेवल की करते रहें जांच
होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज को बुखार और ऑक्सीजन के लेवल की जांच करते रहनी चाहिए। इसके लिए अपने पास ऑक्सीमीटर रखना चाहिए। बुखार 100 डिग्री से ज्यादा नहीं बढ़े। वहीं, ऑक्सीजन का लेवल भी 94 फीसदी से कम नहीं होना चाहिेए। अगर इसमें उतार-चढा़व होता हो, तत्काल डॉक्टर से संपर्क कर सलाह लेनी चाहिए।
(फाइल फोटो)
पहले जांच कराएं
होम आइसोलेशन में जाने से पहले कोरोना की जांच कराना जरूरी है। किसी अस्पताल या हेल्थ सेंटर में कोरोना की चांज कराने के बाद अगर डॉक्टर होम आइसोलेशन में जाने की सलाह देते हैं, तभी ऐसा करें।
(फाइल फोटो)
कैसा हो मरीज का कमरा
होम आइसोलेशन के लिए मरीज का कमरा साफ-सुथरा और हवादार होना चाहिए। मरीज के लिए अलग टॉयलेट की व्यवस्था होनी चाहिए। बेड की चादरों और पिलो कवर को रोज बदलना और साफ करना चाहिए। इसके अलावा, मरीज की देखभाल के लिए एक आदमी का होना भी जरूरी है।
(फाइल फोटो)
भोजन में क्या लें
कोरोना के मरीजों को ताजा और हल्का भोजन करना चाहिए। तली-भुनी चीजों से परहेज करना चाहिए। मौसमी फल और नारंगी-संतरा का जूस जरूर लेना चाहिए। रोज 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए। भोजन में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा हो। लो-फैट दूध, दही, मछली और अंडे का सफेद भाग खा सकते हैं। हरी और पत्तेदार सब्जियां और उनका सूप भी भोजन में शामिल करना चाहिए।
(फाइल फोटो)
चिंता नहीं करें
बहुत से लोग कोरोना पॉजिटिव होने की बात जानकर बेहद चिंता में पड़ जाते हैं। इसका इम्युनिटी पर बुरा असर पड़ता है। किसी तरह की चिंता नहीं करें मन में सकारात्मक विचार रखें। इस बात को हमेशा ध्यान में रखें कि कोरोना कोई लाइलाज बीमारी नहीं है। इसमें सिर्फ सावधानी बरतना जरूरी है।