Corona से भी ज्यादा खतरनाक है Nipah virus, क्या अभी तक इसकी कोई दवा बनी है?
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केरल में इस वायरस की वजह से 12 साल की बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद अधिकारियों ने एक हफ्ते पहले तक संपर्क में आए सभी लोगों को ट्रेस किया। रिपोर्टों के अनुसार, मौत से पहले लड़के ने दो अन्य अस्पतालों का दौरा किया था, जिसका मतलब है कि वहां भी कई लोग संपर्क में आए होंगे। उन्हें भी संक्रमण का खतरा है।
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, अभी तक बच्चे के संपर्क में आए 8 लोगों का टेस्ट किया गया है, उनकी रिपोर्ट निगेटिव है। ये बड़ी राहत की बात है। हालांकि और भी टेस्ट किए जा रहे हैं।
ये रोग पहली बार चमगादड़ से 1999 में मलेशिया में फैला। यहां सूअरों से किसान संक्रमित हुए। उनमें उल्टी आना और मस्तिष्क में सूजन जैसे लक्षण दिखे। ये वातावरण में 45 दिनों तक रह सकता है। इसका मतलब है कि कोई भी व्यक्ति बीमार पड़ने से पहले इसे एक महीने से अधिक समय तक फैला सकता है।
निपाह का अभी तक कोई इलाज या टीका नहीं है। मरीजों को सिर्फ सपोर्टिव मेडिकल केयर दी जाती है। यानी कोरोना वायरस की तरह से इससे भी सिर्फ बचाव के जरिए ही ठीक बच सकते हैं।
कोएलिशन फॉर एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन में वैक्सीन रिसर्च की प्रमुख डॉक्टर मेलानी सैविल ने इस साल की शुरुआत में द सन को बताया था कि हमें बड़े प्रकोप के लिए तैयार रहने की जरूरत है। इसके ज्यादा फैलने की संभावना है।
एक्सपर्ट ने कहा, निपाह उन वायरसों में से एक है जो पूरी तरह से एक नई महामारी का कारण हो सकता है। निपाह के बारे में कई बातें बहुत चिंताजनक हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें सिर्फ निपाह को नहीं देखना चाहिए। हम जानते हैं कि एक भविष्य की महामारी आएगी। कई अन्य संक्रामक बीमारियां हैं जो महामारी में बदल सकती है।
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