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Winter Care Tips: ठंड से बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा, इस तरह करें अपने दिल की देखभाल
हेल्थ डेस्क : भारत में इन दिनों शीतलहर से हर आदमी परेशानी है। कई राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ गई है और ठंड के चलते कई लोगों की मौत भी हो गई है। सर्दियों के मौसम में सबसे ज्यादा हार्टअटैक (heart attack), न्यूरो और अस्थमा का खतरा होता है। जिसमें हार्टअटैक के मामले आए दिन बढ़ रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि ठंड ज्यादा होने के चलते हर रोज अस्पताल में 10 से 12 मरीज हार्ट की समस्या लेकर पहुंच रहे हैं। डॉक्टर का कहना है कि ठंड के मौसम में हार्ट पेशेंट की हार्ट अटैक की संभावना 30% तक बढ़ जाती है। ऐसे में कैसे अपने दिल का ख्याल रखें यह बड़ा सवाल है? तो चलिए हम आपको बताते हैं कि ठंड के दिनों में आप अपनी रूटीन लाइफ कैसी रख सकते हैं, जिससे कि हार्ट अटैक के जोखिम को कम किया जा सके...
| Published : Dec 22 2021, 09:19 AM IST
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डॉक्टर्स बताते हैं कि, सोते समय शरीर की एक्टिविटीज, बीपी और शुगर का लेवल भी कम हो जाता है। जिसे सामान्य करने लिए ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम को काम करना होता है। लेकिन सर्दियों के दिनों में इसे नॉर्मल करने के लिए दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे जिन्हें हार्ट की बीमारी है, उनमें हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
इतना ही नहीं ठंड के मौसम में नसें ज्यादा सिकुड़ती है और हार्ड हो जाती है। ऐसे में नसों को गर्म और एक्टिव करने के लिए ब्लड का फ्लो बढ़ जाता है जिससे ब्लड प्रेशर भी बढ़ता है। ब्लड प्रेशर बढ़ने से हार्ट अटैक होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
दिल का दौरा तब पड़ता है जब अचानक धमनी में रुकावट होती है और दिल की मांसपेशियों में खून के प्रभाव रुक जाता है। यह रुकावट मुख्य रूप से कोरोनरी धमनियों में पट्टिका के निर्माण के कारण होता है। दिल का दौरा तब होता है जब रक्त का थक्का जम जाता है जो रक्त प्रवाह को पूरी तरह से प्रतिबंधित करता है।
सर्दियों में बहुत ज्यादा पानी पीनें से बचें, क्योंकि जिन लोगों को दिल की बीमारी होती है, उनके दिल को पम्प करने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में अगर आप बहुत ज्यादा पानी पी लेंगे तो हार्ट को पम्पिंग में और भी मेहनत करनी पड़ेगी, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाएगा।
हार्ट के मरीजों को अपने खाने में नमक की मात्रा कम करनी चाहिए, ऊपर से किसी चीज में नमक डालकर नहीं खाना चाहिए, क्योंकि नमक शरीर में पानी को रोकता है। जिसके कारण शरीर में दिल को ज्यादा मात्रा में लिक्विड को पम्प करना होगा। यानी ज्यादा मेहनत करनी होगी। नतीजा हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है।
वैसे तो वॉक करना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन सर्दी के दिनों में हार्ट पेशेंट्स ना जल्दी उठें, ना ही सुबह जल्दी सैर पर जाएं, क्योंकि अधिक सर्दी की वजह से शरीर को अपने आप को गर्म बनाए रखने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी और दिल को ज्यादा काम करना पड़ेगा, जिससे अटैक का जोखिम बढ़ सकता है।
अगर आपको कभी भी चक्कर आने लगते है। इसके अलावा सांस फूलने की दिक्कत होने लगती है, तो आपको इस समस्या को अनदेखा नहीं करना चाहिए। इसके अलावा लेफ्ट हैंड में दर्द, खांसी होना और हाथ-पैर में सूजन आना, जकड़न, दर्द, मतली, अपच, पेट दर्द, सांसों की कमी, ठंडा पसीना और थकान भी हार्ट की बीमारी के लक्षण होते है। ऐसा कुछ भी होने पर डॉक्टर्स से संपर्क करें।
ठंड में बहुत मेहनत वाली एक्सरसाइज को 15 मिनट से ज्यादा ना करें। एक्सरसाइज के तुरंत बाद कॉफी या सिगरेट ना पिएं, क्योंकि कैफीन और निकोटीन की वजह से दिल पर और दबाव पड़ता है। वहीं, बाहर जाने से पहले अपना पल्स लेट जरूर चेक करें। तला-भुना खाने से बचें और डाइट में हरी सब्जियां और फल शामिल करें।
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