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रांची का हिंदपीढ़ी इलाका : सरकार के लिए सिरदर्द बने यहां के निगेटिव लोग और पॉजिटिव केस
रांची, झारखंड. यहां का हिंदपीढ़ी इलाका सरकार के लिए सिरदर्द बन गया है। यह वो इलाका है, जहां सबसे पहला कोरोना पॉजिटिव केस सामने आया था। यहां से मलेशिया की एक महिला पकड़ी गई थी। ये तब्लीगी जमात से जुड़ी है। राज्य के 27 में से 13 केस इसी इलाके से मिले हैं। फिर भी लोग सुधरने का नाम नहीं ले रहे।
| Published : Apr 16 2020, 05:21 PM IST / Updated: Apr 16 2020, 05:39 PM IST
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झारखंड का मुस्लिम बहुल इलाका हिंदपीढ़ी पूरे राज्य के लिए परेशानी का कारण बन गया है। तमाम कोशिशों के बावजूद यहां के लोग सरकार का सहयोग नहीं कर रहे हैं। लिहाजा, अब प्रशासन सख्त होता दिखाई दे रहा है। बुधवार को सीनियर पुलिस और प्रशासन के अफसरों ने इलाके का दौरा किया। यहां लॉकडाउन के उल्लंघन के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। अदालत ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव, रांची डीसी और एसएसपी को नोटिस भेजा है। इसपर 17 अप्रैल को मुख्य न्यायाधीश की डबल बेंच में सुनवाई होगी।
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बता दें कि हिंदपीढ़ी वो इलाका है, जहां कोरोना वॉरियर्स पर थूकने और हमला करने के पूरे राज्य में सर्वाधिक मामले सामने आए हैं। राज्य का पहला संक्रमित केस भी यहीं से मिला था। यहां से मलेशिया की एक महिला को पकड़ा गया था। वो तब्लीगी जमात से जुड़ी है।
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हिंदीपीढ़ी इलाका कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बन गय है। बावजूद लोग मामले की गंभीरता को नहीं समझ रहे। 3 मई तक लॉक डाउन बढ़ाए जाने के बाद बुधवार को ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग, सिटी एसपी सौरभ, कोतवाली डीएसपी अजित कुमार विमल के अलावा कई प्रशासनिक अफसर इलाके का जायजा लेने पहुंचे। प्रशासन अब सख्ती के मूड में आ गया है।
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उल्लेखनीय है कि सोमवार को यहां तीन पॉजिटिव केस मिले थे। जब पुलिस और हेल्थ की टीम उन्हें रिम्स के आइसोलेशन में ले जाने के लिए पहुंची, तो लोगों ने हंगामा किया था। लोगों ने एम्बुलेंस में भी तोड़फोड़ की थी। इस मामले में पुलिस ने जमील खान और शादाब खान नामक दो लोगों पर भीड़ को उकसाने का मामला दर्ज किया है।
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हिंदपीढ़ी में कोरोना की दस्तक से पहले झारखंड में कोई केस नहीं था। उम्मीद की जा रही थी कि झारखंड संक्रमण को नहीं फैलने देगा, लेकिन हिंदपीढ़ी ने इरादों पर पानी फेर दिया।