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कैसी मां हो? झाड़ियों में मरने के लिए छोड़ना था, तो जन्म ही क्यों दिया, मदर्स-डे पर सामने आईं शर्मनाक तस्वीरें
जमशेदपुर, झारखंड. यह तस्वीर मदर्स-डे पर सामने आई है। जब सारी दुनिया मां का गुणगान कर रही थी, अंधेरे में यह बच्चा झाड़ियों में मरने के लिए फेंक दिया गया। गनीमत रही कि उसकी रोने की आवाज ने वहां से गुजर रहे एक साइकिलवाले का ध्यान आकर्षित किया और उसकी जान बच गई। मामला सरायकेला-खरसावां जिला अंतर्गत राजनगर रोड पर स्थित तितिरबिला गांव का है। रविवार रात करीब 8 बजे तितिरबिला गांव का एक युवक अपनी साइकिल से गुजर रहा था। तभी उसे झाड़ियों से बच्चे के रोने की आवाज आई। युवक ने इसकी जानकारी गांववालों को दी। गांववालों ने फौरान सरायकेला पुलिस को सूचित किया।
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स्वास्थ्य टीम के साथ मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्चे को जमशेदपुर स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा है।
सरायकेला में बच्चे का चेकअप करने वालीं डॉ. मिका सिंह ने बच्चे का वजन सवा दो किलो निकला। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि जन्म के दो घंटे बाद ही बच्चे को झाड़ियों में फेंका गया था।
पुलिस प्रशासन ने बच्चे को जिला बाल कल्याण समिति को सौंप दिया है। ताकि उसे गोद दिए जोन की प्रक्रिया शुरू हो सके।
यह तस्वीर मप्र के भिंड जिले की है। यहां भी एक निदर्यी महिला ने दो घंटे पहले जन्मे अपने नवजात को गोद में लेने की जगह सड़क पर फेंक दिया। घटना रविवार के दिन सुबह करीब 6 बजे भिंड के डूडा गांव में देखने को मिली। जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. केके गुप्ता ने बताया कि बच्चे का जन्म किसी दाई ने कराया है।
यह मामला यूपी के शामली का है। यहां पिछले दिनों बाबरी क्षेत्र के गांव बंतीखेड़ा में नदी के किनारे झाड़ियों में एक नवजात बच्ची मिली थी। हालांकि उसे बचाया नहीं जा सका। इस बच्ची का भी कुछ समय पहले जन्म हुआ था।