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मौत का गड्ढा: एक-एक करके 4 लोगों की जिंदगी निगल गया, जो भी इसमें उतरा वह लौटकर जिंदा नहीं आया
गढ़वा. झारखंड से एक बड़े हादसे की खबर सामने आई है, जहां एक सेप्टिक टैंक में काम करने के दौरान देखते ही देखते 4 लोगों की मौत हो गई। बता दें कि इस हादसे में मारे जाने वाले सभी लोग एक ही परिवार के संबंध रहते हैं। मृतकों में पिता-पुत्र और दो भाई शामिल हैं। पुलिस प्रशासन में मौके पर पहुंच कर मृतकों के शव जेसीबी मशीन से निकाले। बताया जाता है कि यह हादसा एक दूसरे के बचाने के चक्कर में हुआ।

दरअसल, यह दिल दहला देने वाला हादसा गढ़वा जिले के डूमर सोता गांव में बुधवार सुबह हुआ। जहां सेप्टिक टैंक की सफाई करने के लिए तीन युवक उतरे थे। कुछ देर बाद उनकी कोई हलचल नहीं हुई तो चौथा मजदूर भी नीचे उतरा और वह भी लौटकर नहीं आया। चारों की मौत टैंक की जहरीली गैस और दम घुटने से हो गई। घटना की जानकारी लगते ही मौके पहुंची पुलिस ने शवों को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पुलिस ने चारों मजदूरों की पहचान 40 साल के मिथिलेश कुमार मेहता, 30 साल के अनिल कुमार मेहता, 17 साल के नागेंद्र मेहता और 20 साल के प्रवीण मेहता के रूप में की। चारों मजदूर डूमर सोता गांव के रहने वाले थे। मृतकों में मिथिलेश और अनिल भाई हैं। जबकि मृतक नागेंद्र मेहता मिथिलेश मेहता का पुत्र है।
घटना के बाद मौके पर सैकड़ों लोग जमा हो गए, वहीं मृतकों के परिजन बुरी तरह चीख रहे थे कोई तो उनको बचा लो। लेकिन अंदर कूदने की हिम्मत कोई नीहं कर पा रहा था। क्योंकि तीन युवक भी इसी तरह अंदर गए और वापस लौट कर नहीं आए।
वहीं मृतक के परिवारवालों का कहना है कि जब पुलिस ने चारों के शव निकाले तो उनकी सांस चल रही थी। जैसे हम उनको प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे लेकन वहां ना तो डॉक्टर मिले और ना ही एंबुलेंस मिली। अगर समय पर इलाज हो जाता तो सभी लोग जिंदा होते। परिवार और गांववालों ने मिलकर हाइवे पर सड़क पर चक्का जाम किया हुआ है। उनका कहना है कि जब तक उनको मुआवजा नहीं मिलेगा वह यहां से नहीं हटेंगे।