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654 एकड़-4000 मीटर का टर्मिनल...7 तस्वीरों में देखिए देवघर एयरपोर्ट का वर्ल्ड क्लास लुक
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दरअसल, देवघर में बना यह इंटरनेशनल एटरपोर्ट करीब 654 एकड़ से भी ज्यादा जीमन पर बना है। जिसमें 2500 मीटर लंबे रनवे के साथ ही 4000 मीटर से भी ज्यादा इलाके में सिर्फ टर्मिनल को ही तैयार किया गया है। टर्मिनल बिल्डिंग में 6 चेक-इन काउंटर और 2 आगमन प्वाइंट के साथ ही 200 यात्रियों के बैठने के इंतजाम किए गए हैं।
2009 से ही देवघर में एयरपोर्ट बनाने की तैयारी थी। लेकिन राजनीति के चलते अब इसका निर्माण हो सका है। फिर एयरपोर्ट के लिए कवायद साल 2013 से शुरू की गई। देवघर एयरपोर्ट का निर्माण करीब 400 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से किया गया है।
देवघर एयरपोर्ट झारखंड का दूसरा एयरपोर्ट होगा। फ्लाइट सेवा से जुड़ने के बाद देवघर पूरी तरह से कमर्शियल हब बन जाएगा। देवघर और आसपास के 150 से 200 किलोमीटर के आसपास वाले इलाकों में लोगों की स्थिति बेहतर होगी। विदेश से भी लोग यहां पूजा करने आते हैं।
इसके अलावा यह दक्षिण-पूर्वी बंगाल और उत्तर-पश्चिमी बिहार को कवर करेगा।
बता दें कि देवघर एयरपोर्ट का निर्माण डीआरडीओ और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सहयोग से किया गया है। इस एयरपोर्ट को इंटरनेशनल लुक देने के साथ ही एयरबस 320 को रखने के लिए तीन ऐप्रन भी बनाए गए। ताकि आपात स्थिति में हवाई अड्डे के रनवे से डीआरडीओ की जरुरत के मुताबिक, जहाजों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सके।
वहीं एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन बीके अग्रवाल ने बताया कि देवघर एयरपोर्ट को अगले 30 से 40 साल के भविष्य को देखकर बनाया गया है। एयरपोर्ट पर पार्किंग की समस्या नहीं होगी। जरूरत पड़ने पर नया टर्मिनल बिल्डिंग भी बनाया जाएगा। देवघर एयरपोर्ट ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट है।
बता दें कि देवघर एयरपोर्ट टर्मिनल को झारखंड राज्य की संस्कृति और विरासत को एकीकृत करके डिजाइन किया गया है। यह एयरपोर्ट सालाना 5 लाख से ज्यादा पैसेंजर्स को हैंडल करने की क्षमता रखता है।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन बीके अग्रवाल ने बताया कि पहले देवघर एयरपोर्ट को 3C लाइसेंस देकर चालू करने का निर्देश था, लेकिन अब 4C में अपग्रेड होने से देवघर एयरपोर्ट अब एयरोड्रम लाइसेंस वाला हो गया है। यहां भारी वाणिज्यिक विमानों बोइंग 737 का परिचालन होगा।