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Halloween 2022: हैलोवीन का आत्माओं और कद्दू से क्या है कनेक्शन, जानें ये 6 रोचक बातें
लाइफस्टाइल डेस्क. हैलोवीन (Halloween 2022)दुनिया भर में मनाए जाने वाले सबसे बड़े फेस्टिवल में से एक हैं। अब इसे हमारे देश के लोग भी जानने लगे हैं। यहां भी कुछ जगहों पर हैलोवीन सेलिब्रेट किया जाने लगा है। ये वो सेलिब्रेशन हैं जहां लोग भूतों की तरह सजते हैं, अलग-अलग तरह के खतरनाक कस्ट्यूम पहनकर दोस्तों से मिलते हैं और पार्टी करते हैं। वैसे तो अब यह फैंसी ड्रेस की तरह देखा जाता है। लेकिन जहां तक हैलोवीन की बात हैं तो इसका जुड़ाव पारलौकिक शक्तियों और आत्माओं से होता है। उस बार हैलोवीन 31 अक्टूबर को मनाया जाने वाला है। अगर आप हैलोवीन के बारे में जानना चाहते हैं तो हम यहां बताने जा रहे हैं। आइए नीचे बताते हैं हैलोवीन का इतिहास और ट्रिक ओ ट्रीट की प्रथा (Trick or treating ) के बारे में...
| Published : Oct 29 2022, 06:12 PM IST / Updated: Oct 29 2022, 06:20 PM IST
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हैलोवीन का इतिहास 2000 साल से भी ज्यादा पुराना माना जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक इसे केल्ट्स (Celts)ने शुरु किया था। ये यूनाइटेड किंगडम, आयरलैंट और नॉर्दन फ्रांस में पहले के वक्त में रहा करते थे। हैलोवीन शब्द का प्रयोग पहली बार सोलहवीं शताब्दी में किया गया। ये त्योहार पहले ये त्यौहार सैमहाइन (Samhain) कहलाता था।
1.मिठाई या भोजन मांगने की परंपरा
मध्ययुगीन काल में शरारत या एक्टिविटी के बदले अजनबियों से मिठाई मांगते थे। युवा लोग पड़ोस के घरों में जाते थे और कविता या गीत सुनाकर भोजन मांगते थे। अब इस गतिविधि में सिर्फ छोटे बच्चे शामिल होते हैं।
2.अच्छे पति की तलाश
हैलोवीन में एक अच्छे पति की तलाश भी शामिल है। ऐसा माना जाता है कि जब कोई युवती एक अंधेरे कमरे में आइने के सामने मोमबत्ती लेकर खड़ी होती हैं तो उसे उम्मीद होती हैं कि वे आइने में अपने होने वाले पति का चेहरा देख सकती है।
3.सेकंड वर्ल्ड वॉर में ट्रिक या ट्रीटिंग की रस्म को बैन कर दिया गया
ट्रिक या ट्रीटिंग और हैलोवीन साथ-साथ चलते हैं।यह परंपरा 'आत्मा' नामक एक परंपरा से विकसित हुई है। लेकिन सेकंड वर्ल्ड वॉर में चीनी राशनिंग ने ट्रिक या ट्रीटिंग की रस्म को रोक दिया। लेकिन कुछ वक्त बाद ही कैंडी कंपनियों ने त्योहार और अनुष्ठान का व्यवसायीकरण करने के लिए कई विज्ञापन शुरू किए। जिसके बाद लाइटनिंग का जश्न फिर से शुरू हो गया।
4.जैक-ओ-लैटर्न की कहानी
हैलोवीन के समय कद्दू का इस्तेमाल होता है और जैक-ओ-लैटर्न की कहानी बहुत फेमस है। ये कहानी स्टिंगी जैस की है जो आयरलैंड में रहा करता था। वो धोखेबाजी और शराब पीने के लिए फेमस था। उसे स्वर्ग और नरक जाने की अनुमति नहीं थी। इसलिए वह लालटेन लेकर धरती पर घूम रहा था। इस प्रकार इस डरावने फेस्टिवल के दौरान जैक-ओ-लालटेन नाम का उपयोग किया जाता है।
5.ट्रिक ओ ट्रीट की प्रथा
आपने देखा होगा कि बच्चे अलग-अलग कॉस्ट्यूम पहनकर घरों में जाते हैं और ट्रिक ओ ट्रीट कहते हुए कैंडी वगैराह मांगते हैं। ये प्रथा काफी पुरानी है। सैमहाइन के दौरान माना जाता था कि रात में भूत-प्रेत धरती पर घूमते हैं। इस कारण लोग अलग-अलग कपड़े पहनकर अपने घरों के बाहर भोजन रखने की प्रथा शुरू कर दी। कुछ वक्त बाद चर्च द्वारा घाने के बदले प्रार्थना की प्रथा शुरू कर दी गई। इसमें हर आयु वर्ग के लोग शामिल हो गए।
6.क्यों काला और नारंगी बना हैलोवीन का रंग
हैलोवीन में सजावट अमूमन काले और नारंगी रंग से की जाती है। दरअसल, नारंगी को शक्ति का प्रतिक माना जाता है। इसके साथ ही यह कलर पतझड़ सीजन को दिखाता है। जबकि काले रंग को डर और मौत का प्रतीक माना जाता है जो सर्दियों को दिखाता है। ये दो रंग मौसम के बदलाव के साथ जिंदगी और मौत को दिखाते हैं। हैलोवीन मनाने के पीछे सबसे बड़ी वजहें यही हैं।