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Tulsidas Jayanti 2022 Wishes: इन कोट्स के जरिए दें अपने दोस्तों को तुलसीदास जयंती की शुभकामनाएं

उज्जैन. हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गोस्वामी तुलसीदासजी की जयंती मनाई जाती है। इस बार ये तिथि 4 अगस्त, गुरुवार को है। तुलसीदासजी हिंदी साहित्य के भक्ति शाखा के प्रमुख कवियों में से एक हैं। इन्होंने ही श्रीरामचरित मानस जैसे श्रेष्ठ ग्रंथ की रचना की और भगवान श्रीराम के चरित्र को जन-जन तक पहुंचाया।  दोहावली, गीतावली, कवितावली, कृष्ण गीतावली, रामज्ञा प्रश्नावली, हनुमान बाहुक, विनय पत्रिका आदि ग्रंथ भी तुलसीदासजी की ही रचना हैं। इनके जीवन से जुड़ी किवंदतियां जुड़ी हैं जैसे इन्हें भगवान श्रीराम और हनुमानजी ने साक्षात दर्शन दिए थे। और भगवान शिव के आदेश पर ही इन्होंने श्रीरामचरित मानस की रचना की। आज तुलसीदासजी की जयंती पर इन कोट्स से जरिए अपने दोस्तों को शुभकामनाएं दें… 

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Manish Meharele
Published : Aug 04 2022, 08:30 AM IST| Updated : Aug 04 2022, 08:34 AM IST
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तुलसी जे कीरति चहहिं, पर की कीरति खोइ।
तिनके मुंह मसि लागहैं, मिटिहि न मरिहै धोइ।।
अर्थ- जो दूसरों की बुराई कर खुद सम्मान पाना चाहते हैं, ऐसे लोग अपनी प्रतिष्ठा खो देते हैं। इनके मुंह पर ऐसी कालिख पुत जाती है जो कभी नहीं मिटती।

 

25

आगें कह मृदु बचन बनाई। पाछें अनहित मन कुटिलाई॥
जाकर चित अहि गति सम भाई। अस कुमित्र परिहरेहिं भलाई

अर्थ- जो मित्र आपके सामने कोमल वचन बोले, लेकिन मन में द्वेष की भावना हो तो ऐसे दोस्त का तुरंत त्याग कर दें। ऐसे कुमित्र सफलता के मार्ग में बाधा बनते हैं।

 

35

तुलसी देखि सुबेषु भूलहिं मूढ़ न चतुर नर।
सुंदर केकिहि पेखु बचन सुधा सम असन अहि।

अर्थ- सुंदरता देखकर न चालाक इंसान भी धोखा खा जाता है। मोर दिखने में सुंदर लगते हैं लेकिन उनका भोजन सांप है, इसलिए सुंदरता के आधार पर कभी भरोसा न करें।

 

45

तुलसी साथी विपत्ति के विद्या विनय विवेक ।
साहस सुकृति सुसत्यव्रत राम भरोसे एक।

अर्थ- विपरित हालातों में घबराएं नहीं, मुश्किल परिस्थिति में बुद्धि का उपयोग करें। मुसीबत में साहस और अच्छे कर्म ही सफलता दिलाते हैं। ईश्वर पर विश्वास रखें।

 

55

राम नाम मनिदीप धरु जीह देहरीं द्वार।
तुलसी भीतर बाहेरहुँ जौं चाहसि उजिआर।

अर्थ- खुशहाल जीवन के लिए व्यक्ति अपनी वाणी पर संयम रखे। राम का नाम जपे। इससे गुस्सा भी शांत होगा और रिश्तों में खटास भी नहीं आएगी।

 

About the Author

MM
Manish Meharele
मनीष मेहरेले। मीडिया जगत में इनके पास 19 साल से ज्यादा का अनुभव है। वर्तमान समय में ये एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर धर्म-आध्यात्म बीट पर काम कर रहे हैं। करियर की शुरुआत इन्होंने स्थानीय अखबार दैनिक अवंतिका से की थी। इसके बाद वह दैनिक भास्कर प्रिंट उज्जैन में वाणिज्य डेस्क प्रभारी रहे और 2010-2019 तक दैनिक भास्कर डिजिटल में धर्म डेस्क पर काम किया। इन्हें महाभारत, रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों का अच्छा ज्ञान है। इनके पास जीव विज्ञान में बीएससी स्नातक की डिग्री है।

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