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सावधान: क्या आप भी एक जगह घंटों बैठकर करते हैं काम ? स्टडी में हुआ साबित ये तरीका हो सकता है जानलेवा

लाइफस्टाइल डेस्क : कोरोनाकाल में घर से काम करने का ट्रेंड काफी बढ़ गया है। बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने की फैसिलिटी दे रही हैं। लेकिन घंटों एक जगह बैठकर काम करना भी जानलेवा हो सकता है। जी हां, हाल ही में WHO ने दावा किया गया है, कि जो लोग सामान्य समय से ज्यादा देर तक बैठकर काम करते हैं, उससे उनकी जान को खतरा हो सकता है। इस आदत से स्ट्रोक (stroke) का खतरा 35 प्रतिशत तक बढ़ गया है और सैकड़ों हजारों लोगों की जान जा रही है। WHO ने यह भी कहा है कि कोरोना वायरस महामारी से इस ट्रेंड को बढ़ावा मिल सकता है। ऐसे में घर से किस तरह काम करना चाहिए हम आपको बताते हैं।

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Asianet News Hindi
Published : May 17 2021, 12:43 PM IST| Updated : May 17 2021, 03:50 PM IST
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हो जाएं सावधान !
क्या आप भी काम के चलते 10-12 घंटे कम्प्यूटर या लैपटॉप के सामने बैठे रहते हैं ? अगर हां, तो आपकी ये आदत आपके लिए जानलेवा साबित हो सकती है। एक जगह घंटों बैठकर काम करने से हजारों लोगों की जान जा रही है।

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WHO की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
सोमवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपनी एक रिपोर्ट में खुलासा किया, कि  2016 में लंबे समय तक काम करने के चलते 7 लाख 45 हजार लोगों की स्ट्रोक और दिल संबंधी बीमारियों से मौत हुई थी। अब कोरोनाकाल में ये आंकड़ा और बढ़ सकता है।

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घंटों काम करने से बढ़ा 35% स्ट्रोक का रिस्क
ये स्टडी 194 देशों के आंकड़ों पर आधारित है, जिसमें कहा गया है कि सप्ताह में 55 घंटे या उससे ज्यादा काम करने से स्ट्रोक के चान्स 35% बढ़ते हैं। जबाकि, दिल संबंधी बीमारियों का खतरा 17% अधिक हो जाता है।

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16 साल में 42% डेथ रेशियो बढ़ा
WHO की अधिकारी फ्रैंक पेगा (Frank Pega) ने बताया कि 2000 से 2016 तक दिल संबंधी बीमारियों से होने वाली मौतों में लगभग 42 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। जबकि स्ट्रोक के मामलों में 19 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई। ये स्थिति अच्छी नहीं है।

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पुरुष हो रहे ज्यादा शिकार
डब्ल्यूएचओ और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की ज्वाइंट स्टडी में पता चला है कि ज्यादातर पीड़ित (72%) पुरुष थे और ये सभी मीडिल एज या उससे थोड़ा ही ज्यादा थे।

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लॉकडाउन में बढ़ा ज्यादा काम
कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन में भले ही बाहर जाकर नौकरी करने से कर्मचारियों को छूट मिली हैं, लेकिन उनका काम भी बढ़ गया है। उन्हें 10-12 घंटे एक जगह बैठकर काम करना पड़ता है। डब्ल्यूएचओ ने कहा, कि इस समय कम से कम 9% लोग लंबे समय तक काम करते हैं, जो जानलेवा हो सकता है।

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इन देशों में सबसे ज्यादा बढ़े मामले
WHO की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि साउथ, ईस्ट एशिया और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में रहने वाले लोग इससे सबसे अधिक इफेक्ट हुए है। जिसमें चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश शामिल हैं।

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बीच-बीच में लेते रहे ब्रेक
एक दिन में कभी भी 9 घंटे से ज्यादा काम नहीं करना चाहिए। अगर बहुत जरूरी हो, तो बीच-बीच में 10-15 मिनट का ब्रेक लेते रहें। साथ ही हल्की एक्सरसाइज और कमर को सीधा जरूर करें।

Asianet News का विनम्र अनुरोधः आइए साथ मिलकर कोरोना को हराएं, जिंदगी को जिताएं...। जब भी घर से बाहर निकलें माॅस्क जरूर पहनें, हाथों को सैनिटाइज करते रहें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। वैक्सीन लगवाएं। हमसब मिलकर कोरोना के खिलाफ जंग जीतेंगे और कोविड चेन को तोडेंगे। #ANCares #IndiaFightsCorona

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