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मध्य प्रदेश की वो 8 जगह जिन्हें पूरी दुनिया से देखने आते हैं लोग, तस्वीरों से जानिए MP क्यों है देश का दिल
MP Foundation Day 2022. 1 नवंबर को मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने स्थापना दिवस पर प्रदेशवासियों को बधाई दी है और कहा कि यह राज्य के गौरव, विकास, पर्यावरण व लोक संस्कृति के संरक्षण का पर्व है। स्थापना दिवस पर राज्य भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। राज्य में मंगलवार को आधे दिन का सरकारी अवकाश रहेगा। शाम 7 बजे से भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में राज्य स्तरीय कार्यक्रम होगा। शिव महिमा पर आधारित नृत्य नाटिका व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए जाएंगे। मध्य प्रदेश टूरिजम की दृष्टि से बहुत बड़ा राज्य है, यहां दुनिया भर से लोग अनेक स्थानों को देखने के लिए आते हैं। 8 तस्वीरों में समझते हैं कि आखिरकार मध्य प्रदेश में पूरे साल देश विदेश से लोग क्या देखने आते हैं।
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पचमढ़ी मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले में है, पचमढ़ी एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। यहां हर भरे सुंदरता के कारण इस जगह को 'सतपुड़ा की रानी' के नाम से भी जाना जाता है। पहाड़ों की ऊंचाई से गिरते झरने, यहां की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं। यहां का सिल्वर फॉल तो देखने लायक है, जहां करीब 350 फुट की ऊंचाई से पानी नीचे गिरता है और यह पानी देखने में बिल्कुल दूध के जैसा दिखता है।
पर्यटकों को खजुराहो मंदिर जरूर जाना चाहिए। यह मंदिर प्राचीन और अद्भुत कला शैली के मंदिरों के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। जिसे आज हम खजुराहो के नाम से जानते है जो मध्ययुगीन काल में भारतीय वास्तुकला और संस्कृति से जुड़ी एक खास मिसाल पेश करता है। खजुराहो जाने के लिए आप हवाई, रेलवे और सड़क मार्ग का इस्तेमाल कर सकते हैं।
ग्वालियर का शहर का लाल किला लाल बलुए पत्थर से बनाया गया है यह किला देश के सबसे बड़े किले में से एक है। ग्वालियर स्मारकों, महलों और मंदिरों के लिए जाना-जाता है। यहां किले के अलावा आप जय विलास महल और सूर्य मंदिर जा सकते है। यकीन है यह देखने के बाद आप इन्हें कभी नहीं भूल सकते।
मध्य प्रदेश का यह ग्वालियर शहर अपनी ऐतिहासिक धरोहरों को संजोकर रखने के लिए प्रसिद्ध है। तानसेन का मकबरा मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित है। इस मकबरे में बहुत ही महीन कलाकारी की गयी है। इस मकबरे की खिड़कियों की बनावट और खूबसूरती देखते ही बनती थी। इसे इस प्रकार से बनाया गया था की सूर्य की रौशनी और हवा दोनों ही बिना अवरोध के अंदर प्रवेश कर पाए। मकबरे के बीचो-बीच एक वृहद् गुम्बद है। यहीं तानसेन और उनके गुरु की कब्र स्थापित है।
ओरछा किला मध्य प्रदेश में झांसी से 16 किमी दूर बेतवा नदी पर है। किले का निर्माण 16वीं शताब्दी में बुंदेला वंश के राजा रुद्र प्रताप सिंह ने करवाया था। किले का मुख्य आकर्षण राजा महल है। इसके अलावा किले में शीश महल, फूल बाग, राय प्रवीण महल और जहांगीर महल हैं। इस किले के एक हिस्से को राम राजा मंदिर में बदल दिया गया है। जहां भगवान राम को राजा राम के रूप में पूजा जाता है।
सांची भारत में सबसे अच्छी तरह से संरक्षित और अध्ययन किए गए बौद्ध स्थलों में से एक है। यह मध्य प्रदेश के सांची शहर में एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यह पूर्व और पश्चिम में सत्रह मील और उत्तर और दक्षिण में लगभग दस मील तक फैला हुआ है। यहां कई स्तूप हैं, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध सांची स्तूप है, जिसे महान स्तूप भी कहा जाता है। ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में अशोक ने महान स्तूप का निर्माण करवाया था। इसमें बुद्ध और उनके सबसे प्रसिद्ध शिष्यों के पवित्र अवशेष या राख हैं।
खजुराहो में लक्ष्मण मंदिर स्थित है। इसका निर्माण लगभग 930 ई. में यशोवर्मन नामक राजा ने कराया था। इनका एक नाम लक्ष्मण वर्मन भी था इसलिए यह मंदिर लक्ष्मण मंदिर कहलाता है। वैसे यह मंदिर भगवान विष्णु का है। पंचायतन शैली में बना हुआ यह मंदिर खजुराहो में अब तक प्राप्त सभी मंदिरों में सबसे सुरक्षित स्थिति में है। कहा जाता है कि इस मंदिर के निर्माण के लिए मथुरा से सोलह हजार शिल्पकारों को बुलाया गया था तथा यह मंदिर लगभग सात वर्ष में बनकर तैयार हुआ था।
महाकालेश्वर मंदिर भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन में स्थित, महाकालेश्वर भगवान का प्रमुख मंदिर है। पुराणों, महाभारत और कालिदास जैसे महाकवियों की रचनाओं में इस मंदिर का मनोहर वर्णन मिलता है। स्वयंभू, भव्य और दक्षिणमुखी होने के कारण महाकालेश्वर महादेव की अत्यन्त पुण्यदायी महत्ता है। इसके दर्शन मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है, ऐसी मान्यता है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां बन रहे बेहद खूबसूरत कॉरिडोर का उद्घाटन भी किया था।