- Home
- States
- Madhya Pradesh
- अनूठा प्रेम: तोता गुम हुआ तो मालिक ने अखबार में दिया विज्ञापन, जो ढूंढकर लाएगा उसे मिलेंगे 15 हजार..
अनूठा प्रेम: तोता गुम हुआ तो मालिक ने अखबार में दिया विज्ञापन, जो ढूंढकर लाएगा उसे मिलेंगे 15 हजार..
जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक दिलचस्प मामला सामने आया है। जहां एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने अपने तोता की तलाश कर लाने वाले को 15 हजार रुपए का इनाम रखा है। क्योंकि उसका प्रिय तोता अचानक गुम हो गया है, उसके अलावा युवक का पूरा परिवार पक्षी के जाने से मायूस है। इतना ही नहीं उन्होंने तोते को ढूंढने के लिए बाकायदा अखबार में विज्ञापन भी दिया है। साथ ही फोटो पैम्फ्लेट पर छपवा कर पूरे शहर में बांटे हैं। पढ़िए इस अनोखे तोते की दिलचस्प कहानी...
| Published : Nov 24 2021, 12:15 PM IST
- FB
- TW
- Linkdin
दरअसल, दो नवंबर को जबलपुर के रांझी इलाके के मानेगांव में रहने वाले अमन चौहान का तोता अचानक पिंजरा खोलकर निकल गया। तभी से लेकर अब तक पूरा परिवार उसे हर जगह तलाश कर रहा है। अपनी कॉलोनी के एक-एक घर जाकर उसे देखा, लेकिन वह कहीं नहीं मिला। आखिर में उसे ढूंढकर लाने वाले को इनाम की घोषणा की है। जब से तोते पर 15 हजार रुपए का इनाम रखा है तब से अमीन के पास रोजोना दर्जनों लोगों के फोन आ रहे हैं। इतना ही नहीं कई लोग तो दूसरा तोता भी लेकर उनके घर पहुंचे।
बता दें कि अमन अपने इस तोते से बेहद प्यार करता है। उसका नाम बिट्टू रखा है और वह उनके परिवार का एक सदस्य बन गया था। लेकिन उसके जाने से हर मेंबर दुखी है। पूरा परिवार अपने प्यारे बिट्टू को ढूंढ रहा है। घर के आसपास हर चौक-चौराहे पर तोतो के पैम्पलेट लगे हुए हैं। जो कोई इनको देखता है वह हैरान रह जाता है।
अमन ने बताया कि दो साल पहले वह बाजार से दो तोते को करीब चार हजार रुपए में खरीदकर लाया था। लेकिन कोरोना काल में एक तोते की मौत हो गई। बस बिट्टू बचा था, कुछ दिन वह अकेला था इसलिए दुखी रहता था। लेकिन धीरे-धीरे वह मेरा दोस्त बन गया। बिट्टू पूरे परिवार के साथ खेलता था। वह दिनभर हम लोगों के साथ मस्ती करता था। सभी को नाम लेकर बुलाता था। इतना ही नहीं वो खुद से फिंजरा खोलकर बाहर आ जाता था। लेकिन यह नहीं सोचा था कि इस बार वह बाहर आएगा और उड़ जाएगा।
तोते के गुम हो जाने अमन बेहद दुखी है। वह कहता है कि पूरे आज 22 दिन हो गए, लेकिन मेरा बिट्टू नहीं मिला है। वो मेरे साथ खाना खाता था, अब जब भी में लंच और डिनर करता हूं तो उसकी याद आ जाती है। प्लीज में सभी लोगों से विनती करता हूं, जिस किसी को मेरे तोता मिले हमारे पास तक पहंचा दीजिए।
बता दें कि अमन जबलपुर के रांझी इलाके के मानेगांव में रहने वाले हैं। वह बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में जॉब करते हैं। कोरोना संक्रमण काल के बाद से अमन जबलपुर में रहकर वर्क फ्रॉम होम कर रहा है। तभी से वह अपने तोता के बेहद करीब आ गया था।