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मासूम बेटी 800 किमी पैदल कैसे चलती, यह सोचकर पिता ने लकड़ी से गाड़ी बनाई और फिर गर्भवती पत्नी के साथ चल पड़ा
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भावुक करने वाला यह मंजर मंगलवार की दोपहर बालाघाट में देखने को मिला। रामू नामक यह शख्स हैदराबाद में मजदूरी करता था। काम-धंधा बंद होने से जब खाने के लाले पड़े, तो वो अपनी गर्भवती पत्नी और 2 साल की बेटी को लेकर पैदल ही घर के लिए निकल पड़ा।
कुछ किमी तक रामू अपनी बेटी को गोद में उठाकर चलता रहा। फिर उसे लगा कि इस तरह 800 किमी का सफर संभव नहीं है। गर्भवती पत्नी भी सामान कब तक उठा पाती? इसके बाद रामू ने बांस-बल्लियों और बाल बियरिंग की मदद से एक गाड़ी बनाई।
रामू ने गाड़ी पर सामान रखा और उस पर बच्ची को बैठा दिया। इसके बाद दम्पती सफर पर निकल पड़े।
इस दम्पती को हैदराबाद से बालाघाट तक पहुंचने में करीब 17 दिन लगे। बालाघाट बॉर्डर पर जब पुलिसवालों ने इस दम्पती को देखा, तो बच्ची के लिए बिस्किट और उनके लिए चप्पलों का इंतजाम किया।
लांजी के एसडीओपी नितेश भार्गव ने कहा कि बालाघाट पहुंचने के बाद पुलिस ने एक निजी गाड़ी का इंतजाम किया और दम्पती को उनके गांव तक पहुंचवाया।