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सूदखोरी के चंगुल में पूरा परिवार खत्म: एक-एक कर पांचों की सांसे थम गईं, लिख गए..हम वापस आएंगे..पढ़िए बेबसी
भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में व्यापारी परिवार के सामूहिक आत्महत्या के मामले में फैमिली की अंतिम सदस्य की मौत भी सोमवार को हो गई। घर के मुखिया संजीव जोशी की पत्नी ने अर्चना जोशी ने भी बाकी घरवालों की तरह इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया। सूदखोरों ने इतना प्रताड़ित किया कि महज 5 दिन में एक-एक कर 5 सदस्य इस दुनिया को अलविदा कह गए। जानिए कैसे पूरा परिवार मरने को हुआ मजबूर..और यूं हो गया खत्म...
| Published : Nov 29 2021, 01:34 PM IST / Updated: Nov 29 2021, 02:11 PM IST
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दरअसल, भोपाल के ऑटो पार्ट्स व्यापारी संजीव जोशी ने अपने परिवार के पांच सदस्यों के साथ गरुवार शाम जहर खाया था। घटना की जानकारी लगते ही पुलिस और स्थानीय लोगों ने सभी को गंभीर हालत में इलाके की एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन पांचों की सिलसिलेवार मौतें हो गईं। सबसे पहले शुक्रवार को घर की सबसे बुजुर्ग सदस्य नंदिनी और सबसे छोटी सदस्य पूर्वी जोशी की मौत हुई। फिर शनिवार को बड़ी बेटी ग्रीष्मा भी चल बसी। रविवार को परिवार के मुखिया संजीव की सांसे थम गईं और आज सोमवार को पत्नी अर्चना जोशी भी अपनी जिंदगी की जंग हार चुकी है।
बता दें कि संजीव जोशी पेशे से एक मैकेनिक हैं, लेकिन महामारी के चलते उनका व्यपार ठीक से चल नहीं रहा था। इसी बीच उन्होंने अपने मकान के लिए लेडी गैंग यानि ब्याज पर पैसा देने वाली महिलाओं से उधार ले लिया। परिवार ने मरने से पहले जो सुसाइड नोट लिखा है, उनमें उन चार महिलाओं का जिक्र भी है जो उनको परेशान किया करती थीं। उन्होंने लिखा कि यह महिलाएं घर पर आकर कर्जा वसूलने को लेकर आए-दिन अभद्रता करती थीं। कर्ज नहीं चुकाने की हालत में घर में कब्जा करने की धमकी देती थीं। इसी बात को लेकर परिवार में भी कलह होती थी।
घर की दीवारों पर परिवार ने सुसाइड नोट लिखा। इसमें कहा गया कि उन्हें इंसाफ चाहिए। इसमें यह भी लिखा कि वे वापस आएंगे। सुसाइड नोट में लिखा गया कि वे मजबूर हैं, लेकिन कायर नहीं। सुसाइड नोट में अपनी मौत के लिए महिलाओं को जिम्मेदार बताया गया है। परिवार से एक वीडियो भी बनाया था, जिसमें वे एक साथ बैठे नजर आ रहे हैं।
घर की दीवारों पर परिवार ने सुसाइड नोट लिखा। इसमें कहा गया कि उन्हें इंसाफ चाहिए। इसमें यह भी लिखा कि वे वापस आएंगे। सुसाइड नोट में लिखा गया कि वे मजबूर हैं, लेकिन कायर नहीं। सुसाइड नोट में अपनी मौत के लिए महिलाओं को जिम्मेदार बताया गया है। परिवार से एक वीडियो भी बनाया था, जिसमें वे एक साथ बैठे नजर आ रहे हैं।
मामले की जांच कर रहे CSP राकेश श्रीवास्तव के मुताबिक, परिवार ने कोल्ड ड्रिंक में जहर मिलाकर पीया था। दीवारों पर लिखा सुसाइड नोट मिला है। इससे पता चलता है कि परिवार कर्ज में डूबा हुआ था। इनका मकान गिरवी था। इसकी किश्त भी वे नहीं चुका पा रहे थे। जिनसे परिवार ने कर्ज लिया था, वे परेशान कर रहे थे। खुद जहर खाने से पहले इन्होंने अपने पालतू कुत्तों और चूहे को भी जहर दिया था।
बता दें कि कर्ज़ से तंग आकर पूरे परिवार ने जहर खाकर ख़ुदकुशी करने वाले परिवार को सरकार ने आर्थिक मदद भी की। सीएम शिवराज ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। वहीं क्षेत्र की विधायक कृष्णा गौर के जरिए मामले में संज्ञान लेकर 2 लाख रुपये की राहत राशि उपलब्ध कराई गई। जिसे विधायक ने परिजनों को सौंपा।