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'भूख' से मर रहा था यह बच्चा..मां फेंककर चली गई, दूसरी बच्ची झाड़ियों में पड़ी थी और उसे चींटियां खा रही थीं
भोपाल, मध्य प्रदेश. अगर जिंदा रहे ये बच्चे, तो जब बड़े होकर मां से जरूर पूछेंगे कि जब मारना ही था, तो पैदा क्यों किया था? वैसे उम्मीद है कि जिस कष्ट को ये बच्चे झेल गए..तो मौत को भी हरा देंगे। पहली तस्वीर भोपाल की है। इस मासूम की उम्र सिर्फ 10 दिन की है और वजन सिर्फ 1.3 किलोग्राम। यह बच्चा कुपोषित है। बच्चा यहां होशंगाबाद रोड पर एक कार शोरूम के सामने बने बस स्टॉप पर मिला। बच्चे के रोने की आवाज से लोगों का ध्यान उस पर गया। माना जा रहा है कि बच्चे की कुपोषण से दयनीय हालत को देखकर गरीब मां अपनी ममता भूल गई। दूसरी तस्वीर मप्र के छिंदवाड़ा जिले की है। यह बच्ची पिछले दिनों झाड़ियों में पड़ी मिली थी। दोनों बच्चे फिलहाल हॉस्पिटल में है। लेकिन इन घटनाओं ने शर्मिंदा कर दिया है।
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पहली तस्वीर में जो बच्चा दिखाई दे रहा है, वो गंभीर कुपोषण से पीड़ित है। उसे भोपाल के जेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के मुताबिक बच्चा भूखा मिला। उसके शरीर पर खरोंच के निशान भी हैं। पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि एक गरीब महिला यह बच्चा लिए घूम रही थी। उसके साथ 5 साल का एक छोटा बच्चा भी था। वो इस बच्चे के लिए लोगों से दूध मांग रही थी। बाल कल्याण समिति ने मां को खोजने की जिम्मेदारी चाइल्ड लाइन को सौंपी है। आगे पढ़िए (दूसरी तस्वीर में दिखाई दे रहे) छिंदवाड़ा में झाड़ियों में मिले बच्चे की कहानी
झाड़ियों में पड़ा मिला था यह बच्च: यह मामला छिंदवाड़ा जिले की परासिया तहसील के तामिया का है। यह बच्ची पिछले दिनों तामिया अंतर्गत ब्लाक परासिया की पंचायत बुदलापठार के ग्राम सूठिया में मिली थी। बच्ची को आबादी क्षेत्र से करीब 2 किमी दूर एक नाले में झाड़ियों के बीच फेंका गया था।
वहां से गुजर रहे एक शख्स की नजर जब बच्ची के रोने पर पड़ी, तो उसने फौरन पुलिस को सूचित किया। मौके पर पहुंची डायल 100 ने नवजात को वहां से निकाला और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची को जिला अस्पताल रेफर कर दिया था।
डायल 100 के साथ मौके पर पहुंचे एएसआई महेश अहिरवार ने बताया कि जब बच्ची को उठाया गया, उसके पूरे शरीर पर चींटियां लगी हुई थीं। सबसे पहले उसे वहीं साफ किया गया। फिर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। फिलहाल बच्ची ठीक है।
बच्ची भूख से बिलबिला रही थी। इस पर अस्पताल में भर्ती दूसरी प्रसूताएं बच्ची की मां बनकर सामने आईं। उन्होंने बच्ची को अपना दूध पिलाया। तामिया के टीआई मोहन सिंह मर्सकोले ने बताया कि नवजात पूरी तरह स्वस्थ है। अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं के जरिये बच्ची की मां के बारे में पता कराया जा रहा है।