- Home
- States
- Madhya Pradesh
- Holi 2021: हर रंग में छिपी है खतरनाक बीमारी..केमिकल से बने इन 5 रंगों से होली खेलने से पहले सावधान
Holi 2021: हर रंग में छिपी है खतरनाक बीमारी..केमिकल से बने इन 5 रंगों से होली खेलने से पहले सावधान
भोपाल/जयपुर. एक बार फिर पूरे देश में कोरोना वायरस ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। संक्रमित मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में होली जश्न भी फीका पड़ गया है। वहीं राज्य सरकारों ने महामारी की दूसरी लहर को रोकने के लिए सार्वजनिक होली खेलने और सभी तरह के मिलन समारोह पर रोक लगा रखी है। साथ ही रंगों के त्यौहार को देखते हुए सख्त गाइडलाइन जारी कर रखी है। जिसके चलते आप बहार घूमकर मस्ती नहीं कर पाएंगे। अगर आपने प्रशासन के नियम तोड़े तो आपके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है। इतना ही नहीं जुर्माना भरने से लेकर जेल तक हो सकती है। गाइडलाइन के मुताबिक, आप अपने घर के अंदर इस त्यौहार को मना सकते हैं। लेकिन होली के दिन लोग कई तरह की गलती कर बैठते हैं जो आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है। लाल-हरे, पीले और नीले रंग को आप बड़ी आसानी से दूसरे के चेहरे पर लगा देते हैं, लेकिन यह साधारण से दिखने वाला कलर आप पर भारी पड़ सकता है। आइए जानते हैं कौन सा रंग किस कितना खतरनाक है...
- FB
- TW
- Linkdin
कई लोगों को रंगों से और धूल से एलर्जी होती है। इसके बाद भी लोग उससे बिना पूछे और जाने उसको रंग लगा देते हैं। इन रंगों में खतरनाक केमिकल का यूज होता है। जिनसे कई तरह की बीमारी के फैलना का डर बना रहता है। इस मस्ती में लोग रंग-अबीर के अलावा और भी कई चीजों का इस्तेमाल करते हैं। ग्रामीण इलाकों में लोग मिट्टी, कीचड़, गोबर से भी होली का जश्न मनाते हैं। यह सारी चीजें बेहद घातक हैं इनसे आंख, नाक और कान को बचाकर रखें। आगे पढ़िए हर रंग में छिपी है एक खतरनाक बीमारी...
लाल रंग: मंगल और पराक्रम का प्रतीक माना जाता है वहीं लाल रंग हमारे शरीर को स्वस्थ और मन को प्रसन्न बनाने वाला होता है। होली खेलने के लिए अक्सर लोग लाल रंग को चुनते हैं, क्योंक इस रंग से बेहद लगाव होता है। जो दूर से ही देखने में आकर्षित करता है। डॉक्टरों के मुताबिक, इस रंग को बनाने में मरक्यूरी सल्फेट का उपयोग किया जाता है। जिससे स्किन कैंसर और पैरालाइ (लकवा) जैसी खतरनाक बीमारी होने का भी खतरा बना रहता है। बीमार लोगों को डॉक्टर इन रंगों को दूर रहने की सलाह देते हैं। हर रंग भी बेहत खतरनाक...
हर रंग: ताज़गी, उम्मीद और उत्साह का प्रतीक होता है। इसके अलावा यह खुशहाली और समृद्धि और प्रगति का भी प्रतीक है। होली खेलने के लिए भी लोग हरा रंग खरीदते हैं, क्योंकि यह गहरा होता है जो आसानी से नहीं छूटता है। डॉक्टरों के मुताबिक, इस रंग को बनाने में कॉपर सल्फेट का इस्तेमाल होता है। इससे आंखों में खुजली, जलन या इंफेक्शन की समस्या होती है। बैंगनी/नीला रंग से भी रहें सावधान..
बैंगनी/नीला रंग: मनोविज्ञान के अनुसार नीला रंग बल, पौरुष और वीर भाव का प्रतीक होता है। भीमराव अंबेडकर ने इसे दलित चेतना का प्रतीक माना है। आसमान और समुद्र का रंग नीला होता है जो हमारे मन को बहुत पसंद आता है। लेकिन होली खेलने के लिए यह बेहद खतरनाक होता है। इस रंग को बनाने में क्रोमियम आयोडाइड का इस्तेमाल होता है। इससे लोगों को अस्थमा या एलर्जी होने का खतरा रहता है। इससे स्किन से भी कई बीमारी होती हैं। सफेद या सिल्वर रंग भी बहुत खतरनाक...
सफेद रंग: यह रंग सात रंगो का मिश्रण होता है, जो पवित्रता, शुद्धता, शांति और विद्या का प्रतीक होने के साथ मानसिक, बौद्धिक बौद्धिक और नैतिक स्वच्छता को भी प्रकट करता है। लेकिन पिछले कुछ सालों से सफेद और सिल्वर कलर से भी लोग होली खेलते हैं। इस रंग को बनाने में एल्युमिनियम ब्रोमाइड का इस्तेमाल होता है। डॉक्टरों के मुताबिक, एल्युमिनियम ब्रोमाइड से कैंसर का खतरा हो सकता है।
काला/ ब्लैक रंग: यह रंग विरोध का प्रतीक माना जाता है, अगर लम्बे समय तक काले रंग के कपड़े पहनकर नकारात्मक ऊर्जा के संपर्क में आया जाए तो ये रंग हमारे सारे भावों को खराब कर देगा साथ ही मानसिक स्थिति अस्थिर और असंतुलित हो जाएगी हो जाती है। लेकिन आज कल लोग काले रंग से भी होली खेलते हैं। इस रंग को बनाने में लेड ऑक्साइड का प्रयोग होता है, जिससे किडनी और दिमाग पर बहुत बुरा असर पड़ता है।
कई डॉक्टरों का कहना है कि मौसम भी बदल रहा है। जिससे लोगों को सर्दी, बुखार, खांसी की शिकायत हो रही है। वहीं दूसरी तरफ कोरोना भी पैर पसार रहा है। ऐसे में लोगों को हबर्ल रंग से तिलक लगाकर गले मिलकर होली खेलना चाहिए। अगर बाहर होली खेलने के लिए जा रहे हैं तो मास्क पहने। घर लौटें तो सेनेटाइजर का यूज करें।