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एक पिता का दर्द, जब बेटा जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहा है, तो मैं कैसे हार मान लूं
भोपाल, मध्य प्रदेश. यह है प्रियांशु मेश्राम। इसकी मुस्कराहट देखकर कोई भी अंदाजा नहीं लगा सकता कि इसे बीमारी क्या है। बस यह जान लीजिए कि इसकी जिंदगी खतरे में है। इलाज के लिए दो से सवा दो करोड़ रुपए चाहिए। बच्चे के पिता पिज्जा डिलेवरी बॉय हैं। लाजिमी है कि उनके पास इतना पैसा नहीं है। लेकिन पिता ने अपने बेटे की जान बचाने एक मुहिम छेड़ रखी है। प्रियांशु की मदद के लिए एक एनजीओ भी मदद के लिए आगे आया है। अब सब मिलकर लोगों ने मदद जुटा रहे हैं। दरअसल, प्रियांशु डबल आउटलेट राइट वेन्ट्रीकल विद लार्ज मस्कुलर वेन्ट्रीकुलर सेप्टल डिफेक्ट से पीड़ित है। यानी प्रियांशु के दिल में एक बड़ा छेद है। इसकी वजह से ब्लड हार्ट की जगह सीधे लंग्स में वो भी अधिक प्रेशर से जा रहा है। जो लंग्स को काफी हद तक डैमेज कर चुका है। भारत में इस बीमारी का इलाज नहीं है। प्रियांशु के बचने की उम्मीद अकेले अमेरिका के बोस्टन का हॉस्पिटल है। इस हॉस्पिटल ने प्रियांशु को ग्लोबल डिस्काउंट भी दिया है। फिर भी इलाज पर करीब दो से सवा दो करोड़ रुपए खर्च आएगा। इसी पैसे को जुटाने प्रियांशु के पिता सागर मेश्राम ने 'सेव प्रियांशु अभियान' छेड़ा हुआ है। इसमें भोपाल के युवाओं का एक ग्रुप भी सहयोग कर रहा है। इस ग्रुप के 25 सदस्य फंड जुटा रहे हैं।
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