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इंदौर में युवक की कोरोना से मौत, पुलिस ने किया अंतिम संस्कार..चीन से पत्नी-बेटे ने वीडियो पर किए दर्शन
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दरअसल, सिवनी के रहने वाले पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर मनोज कुमार चीन की एक बैंक में नौकरी करते थे। वह कुछ दिन पहले उनके पिता तिलप्रसाद शर्मा का निधन हो गया था। जिसके बाद मनोज अपने परिवार के साथ भारत आ गए और अपने घर सिवनी में रुक गए। लेकिन पिता के बाद जब मां संक्रमित हुई तो युवक ने सावधानी को ध्यान में रखते हुए अपनी पत्नी विनीला और बेटा मिराज को वापस चीन भेज दिया और खुद उनकी देखरेख के लिए रुक गया। कुछ दिन बाद वह भी कोरोना की चपेट में आ गए और संक्रमण के कारण अरविंद अस्पताल में उनका इलाज चला, लेकिन मंगलवार दोपहर मनोज का निधन हो गया।
परिजन नहीं होने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने शव को मर्चुरी में रख दिया। इसके बाद चीन में पत्नी को सूचना दी गई। कोरोना गाइडलाइन के मताबिक, मृतक की पत्नी और बेटे विदेश से भारत नहीं आ सकते थे। मृतक के दिल्ली में रहने वाले दोस्त ने इंदौर के कुछ सामाजिक संस्थाओं से अंतिम संस्कार के लिए संपर्क किया। जिसके बाद वालेंटियर यश पाराशर ने मामले की जानकारी अपर कलेक्टर राजेश राठौर और एएसपी प्रशांत चौबे को पूर बात बताई।
पत्नी विनीला ने एडीएम राजेश राठौर से फोन पर बात की और कहा कि वह अपने पति का अंतिम संस्कार पूरी विधि-विधान से करवाना चाहती है। महिला की इच्छा की खातिर वालेंटियर यश ने पुलिस के अधिकारियों से कहा कि वह अंतिम क्रिया करने के लिए तैयार है। जिसके बाद शव पंचकुईया मुक्तिधाम पहुंचाया गया। एएसपी ने एडीएम के कहने पर पुलिस ने लकड़ियों की व्यवस्था की। इसके बाद पत्नी ने कहा कि मनोज को फूल बहुत पसंद थे, इसलिए चिता और अर्थी पर पुष्प अर्पित कर दीजिए।
अंतिम संस्कार के समय खुद एसपी प्रशांत चौबे श्मशान में मौजूद रहे। जहां वालिंटियर यश ने मुखाग्नि दी और पुलिस ने पत्नी को वीडियो कॉल करके अंतिम दर्शन भी कराए। विदेश में बैठी महिला और उसका बेटा पति की जलती चिता को देखकर फूट-फूटकर रोते रहे।
मनोज को क्या पता था कि वह अपने पिता और मां की जिंदगी बचाने के लिए विदेश से भारत आ रहा है। लेकिन उसको क्या पता था कि वह भी अपने पिता के साथ दुनिया को छोड़कर यूं चला जाएगा। बेबसी ऐसी कि वह अंतिम समय पत्नी और बेटे के साथ वक्त तक नहीं बिता पाया।