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दरिंदे ने की एक गलती, सामने आई महिलाओं के तस्करी की 3 कहानियां, पीड़िता बोली-वो घर मेरे लिए खुली जेल थी
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...चलो कोटा वहां अच्छा पैसा मिलेगा
मऊगंज रीवा निवासी 31 वर्षीय महिला शहर में भूकंप कॉलोनी में रहकर छोटी लाइन स्थित बासू होटल में रोटी बनाने का काम करती थी। उसका एक 12 साल का बेटा है। होटल में उसे मजदूरी के तौर पर 200 रुपए मिलते थे। पीड़िता के मुताबिक बासू होटल का मैनेजर अनिल बर्मन ने नवंबर 2020 में पीड़िता से कहा कि कब तक 200 रुपए में काम करती रहोगी, चलो कोटा वहां अच्छा पैसा मिलेगा।
(प्रतीकात्मक फोटो)
महिला को देखकर खरीदार बोला-मुझे सौदा पसंद है
अनिल की पत्नी ज्योति ने 26 जनवरी को उसे कोटा ले गई। वहां अनिल बर्मन और ग्वारीघाट निवासी शालिनी जैन (23), परसवाड़ा निवासी संतोषी मराठा मिली। कोटा से सभी पीड़िता को बूंदी निवासी सुरेश सिंह ठाकुर के घर ले गए। वहां बलशाखा राजस्थान निवासी जमुना शंकर उसे देखने के लिए सुरेश ठाकुर के घर आया। पीड़िता को देखकर जमुना शंकर बोला कि मुझे सौदा पसंद है। तब उसे पता चला कि काम दिलाने के बहाने उसका सौदा करने लाए हैं। उसे जमुना शंकर ने 2.80 लाख रुपए में खरीद लिया।
(प्रतीकात्मक फोटो)
दिन में कराता काम, रात में करता रेप
पीड़िता के मुताबिक वह गिड़गिड़ाती रही कि उसे गलत काम में मत डालो। आरोपियों ने धमकी दी कि जैसा जमुना शंकर बोल रहे हैं करो। जान से मार देंगे, किसी को पता भी नहीं चलेगा। उसके 12 साल के बेटे को भी मारने की धमकी दी। डर और मजबूरी में वह जमुना शंकर के साथ बलशाखा गांव चली गई। जहां वो 40 दिन रही। वह पूरे घर का काम कराता था। उसे घर के बाहर जाने की मनाही थी। जमुना शंकर घर में ताला लगाकर ही बाहर जाता था। हर रात उसके साथ रेप होता था।
(प्रतीकात्मक फोटो)
ऐसे मिली दरिंदे से मुक्ति
पीड़िता के मुताबिक वह घर उसके लिए खुली जेल थी, जिसमें उसे घर के अंदर ही घूमने की आजादी थी। बाद में उसने जमुना शंकर को विश्वास में लिया। बोली कि एक बार बेटे के पास भेज दो। बेटे से मिलकर उसे भी अपने साथ लेकर लौट आऊंगी। जमुना शंकर ने छह मार्च को उसे कोटा ट्रेन में बैठाया। यहां सात मार्च को वह पहुंची।
(प्रतीकात्मक फोटो)
सांवले रंग के कारण बिकने से बची पीड़िता ने सुनाई ये कहानी
दूसरी कुछ ऐसी ही कहानी कामनी (बदला हुआ नाम) के साथ हुआ। जिसे, परसवाड़ा भूकंप कॉलोनी निवासी संतोषी मराठा शालिनी को कोटा में मजदूरी दिलाने का झांसा लेकर 22 जनवरी को ले गई थी। शालिनी ने नानी सोनाबाई से झूठ बोला था कि वह कपड़े लेने जा रही है। इसके बाद वापस नहीं लौटी। 28 जनवरी को सोनाबाई ने उसकी गुमशुदगी ग्वारीघाट में दर्ज कराई थी। 11 मार्च को शालिनी जैन का भी पता चला, तब उसने आपबीती सुनाई थी।
(प्रतीकात्मक फोटो)
ज्योति नाम की युवती को भी 70 हजार में बेचा
कामनी ने ही खुलासा किया है कि आरोपियों ने ज्योति नाम की युवती को भी 70 हजार रुपए में सुरेश सिंह ठाकुर के माध्यम से राजस्थान में किसी को बेचा है। शालिनी का भी सौदा हो गया होता, लेकिन उसके सांवले रंग ने उसे बिकने से बचा लिया। वहीं, पुलिस ने मदनमहल और ग्वारीघाट में दो एफआईआर दर्ज की है।
(प्रतीकात्मक फोटो)