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अखबार को 'तोप' बनाकर 'डॉन' बन चुके थे ये दो मालिक, लेकिन अब खुद सलाखों के पीछे
इंदौर, मध्य प्रदेश. यह मामला ठीक फिल्म इंडस्ट्री और अंडरवर्ल्ड के रिश्तों की तरह है। ये दो अखबार मालिक मीडिया की आड़ में बेहिसाब सम्पत्ति बनाने में लगे थे, वो भी गलत तरीके से। लोगों पर अड़ीबाजी, जमीनों पर कब्जा..मानव तस्करी, महिलाओं का शोषण, टैक्स चोरी..इन दोनों की कहानियों का हिस्सा बन चुका था। दोनों इंदौर के रहने वाले हैं और पूरे मध्य प्रदेश के अलावा दूसरे राज्यों में अपने अखबारों के जरिये गोरखधंधे फैला चुके थे। जीतू सोनी इंदौर से लोकस्वामी अखबार निकालता था। मप्र के चर्चित हनी ट्रैप केस में अड़ीबाजी के बाद यह सरकार के राडार पर आया था। बाद में जब छापामार कार्रवाई हुई, तो इसके अपराधों की पर्तें खुलती गईं। वहीं, किशोर वाधवानी दबंग दुनिया नाम से अखबार निकालता है। अखबार की आड़ में यह गुटखा किंग बन गया था। इस पर 338 करोड़ की टैक्स चोरी का आरोप है। यही नहीं, इस पर अखबार में काम करने वालं महिलाओं के शोषण के भी केस दर्ज हैं। दोनों ही फिलहाल सलाखों के पीछे हैं। पहले पढ़िए जीतू सोनी की कहानी..
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पहली तस्वीर में दिखाई दे रहा शख्स जीतू उर्फ जीतेंद्र सोनी है। यह इंदौर में लोकस्वामी अखबार निकालता था। पिछले दिनों में मप्र की सियासत में भूचाल लाने वाले हनी ट्रैप मामले में जीतू सोनी ने एक संदिग्ध अफसर पर अड़ीबाजी डाली थी। अफसर का अश्लील वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद अफसर ने ही पुलिस में हनी ट्रैप का गिरोह चलाने वालीं महिलाओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जीतू इस अफसर से मोटी रकम ऐंठना चाहता था। यही नहीं, इसने एक अन्य अफसर के खिलाफ भी अपने अखबार में मोर्चा खोल दिया था। मामला तूल पकड़ते देख कमलनाथ सरकार ने इसके खिलाफ एक्शन के आदेश दिए थे। बाद में इसके कारनामों की पोल खुलती गईं। लंबे समय से फरार चल रहे जीतू को गुजरात से गिरफ्तार किया गया है। उस पर अपने होटल माय होम में 67 महिलाओं को बंधक बनाकर रखने, मानव तस्करी और लूट जैसे 64 आपराधिक केस दर्ज हैं। उसे गुजरात में अमरेली जिले के उसके पुश्तैनी गांव धारग्नि से रविवार को पकड़ा गया। वो अपने पिता जगजीवनदास सोनी की पुण्यतिथि के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचा था। आगे पढ़िए जीतू की ही कहानी....
जीतू के दोस्त और परिजन बताते हैं कि उसका परिवार साधारण था। बताते हैं कि जीतू इंदौर के राज मोहल्ले के जिस सरकारी स्कूल में पढ़ता था, वो जुआरियों और शराबियों का अड्डा बन चुका था। लोग उसे 'आशिक मियां के स्कूल' नाम से पुकारते थे। दरअसल, आशिक मियां शराब और जुआ का अड्डा चलाता था। लिहाजा पिता ने इस स्कूल से नाम कटवाकर जीतू को वैष्णव स्कूल में भर्ती करवा दिया। जीतू सीधा-सादा आदमी था, लेकिन बड़े होते-होते वो शातिर होता गया। आगे पढ़िए जीतू की ही कहानी..
जीतू इंदौर से लोकस्वामी अखबार निकालता था। इस अखबार की धाक अच्छी-खासी थी। इसे दबंग स्टाइल का अखबार माना जाता था। लेकिन किसी को क्या मालूम था कि खबरों की आड़ में बड़ा खेल चल रहा था। जीतू ने अखबार की आड़ में करोड़ों की प्रॉपर्टी बना ली। यही नहीं, लोगों की जमीनें हथियाना और ब्लैकमेलिंग तक करने लगा। माय होम होटल में जीतू डांस बार चलाता था। यहां डांस करने वालीं लड़कियों को उसने बंधक बनाकर रखा हुआ था। आगे पढ़िए जीतू की ही कहानी...
उल्लेखनीय है कि इंदौर नगर निगम के एक इंजीनियर हरभजन सिंह की शिकायत पर पुलिस ने 19 सितंबर 2019 को हनी ट्रैप मामले का खुलासा किया था। जीतू भी इन वीडियो के जरिये अड़ीबाजी करता था। यह 7 महीने से फरार था। इसे पकड़ने 1.6 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। अदालत ने जीतू को 3 जुलाई तक पुलिस रिमांड में भेज दिया है। आगे पढ़िए दबंग अखबार के मालिका का खेल..
यह हैं (दायें से पहले मास्क में) मप्र के एक दैनिक अखबार दबंग दुनिया के मालिक किशोर वाधवानी। ये गुटखा किंग भी हैं। इन्हें 338 करोड़ की कर चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ये अखबार की गाड़ियों की आड़ में गुटखा और सिगरेट की तस्करी करते थे। वाधवानी पर जमीनों की गड़बड़ी के भी आरोप हैं। इनके अखबार में काम करने वालीं कुछ महिलाओं ने इन पर रेप और छेड़छाड़ का आरोप भी लगाया था।