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- 50 यात्रियों से भरी इंदौर-पुणे बस नर्मदा नदी में समा गई...पढ़ें देश के 5 सबसे खतरनाक हादसे
50 यात्रियों से भरी इंदौर-पुणे बस नर्मदा नदी में समा गई...पढ़ें देश के 5 सबसे खतरनाक हादसे
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सीधी में बस नहर में गिरी :
कब : फरवरी, 2021
मध्य प्रदेश के सीधी जिले में रामपुर नैकिन के पास एक बस सोन नदी की नहर में गिर गई। इस हादसे में 50 लोगों की मौत हो गई। हादसा तब हुआ, जब सीधी से सतना जा रही बस के ड्राइवर को झपकी लग गई। बता दें कि मृतकों में ज्यादातर स्टूडेंट थे, जो परीक्षा देने सतना जा रहे थे।
देवास में बागदी नदी के पुल से बस बही :
कब : सितंबर, 2010
मध्यप्रदेश के देवास जिले में खातेगांव के पास बागदी नदी के पुल से एक बस बह गई। इस बस में 100 यात्री सवार थे। इस हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 42 घायल हुए थे। अमावस्या पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु नर्मदा नदी में स्नान के लिए नेमावर आ रहे थे। भारी बारिश के चलते खातेगांव की बागदी नदी उफान पर थी। दोनों ओर वाहनों की लाइन लगी हुई थी। शाम पांच बजे हरदा से इंदौर जा रही बस का ड्राइवर यात्रियों के मना करने के बाद भी बस को पुल से निकालने लगा। जैसे ही बस नदी के बीच पहुंची तो तेज बहाव में बह गई।
रायसेन में नदी में गिरी बस :
कब : अक्टूबर, 2019
3 अक्टूबर, 2019 को मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में एक बस नदी में गिर गई। इस दर्दनाक हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 यात्री घायल हुए थे। इंदौर से छतरपुर जा रही बस रात 1 बजे अनियंत्रित होकर नदी में गिर गई। हादसा रायसेन स्थित दरगाह के पास रीछन नदी के पुल पर हुआ। हादसे में बचे एक यात्री के मुताबिक, सभी लोग सो रहे थे। अचानक जोर का झटका लगा और सभी लोग एक के ऊपर एक गिर गए। चीख-पुकार मच गई। झटके से पीछे का गेट खुल गया और मैं किसी तरह बस से बाहर निकला।
लद्दाख में बस खाई में गिरी, 7 जवानों की मौत :
कब : मई, 2022
लद्दाख में 26 जवानों से भरी बस नदी में गिर गई, जिसमें सेना के 7 जवानों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। हादसा थोइस से करीब 25 किमी दूर हुआ, जहां सेना की बस श्योक नदी में 50-60 फीट गहरी खाई में गिर गई। घायल जवानों को परतापुर के 403 फील्ड अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
लिलजी बांध में गिर गई बस :
कब - 1988
34 साल पहले मध्य प्रदेश में सीधी-सतना मार्ग में स्थित लिलजी बांध में एक बस गिर गई थी। 1988 में हुए इस सड़क हादसे में 88 लोगों की मौत हो गई थी। दरअसल, सीधी से सतना जा रही इस बस में क्षमता से ज्यादा यात्री सवार थे। यहां तक कि कई लोग तो बस की छत पर भी बैठे थे।
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