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एक रात में होना था इस शिव मंदिर का निर्माण, लेकिन डरके मारे मुर्गे ने दे दी बांग और अधूरा रह गया मंदिर
| Published : Feb 20 2020, 12:16 PM IST
एक रात में होना था इस शिव मंदिर का निर्माण, लेकिन डरके मारे मुर्गे ने दे दी बांग और अधूरा रह गया मंदिर
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भोजपुर मंदिर देश के प्रसिद्ध प्राचीन शिव मंदिरों में शुमार है। यह मंदिर एक ही पहाड़ी पर बना है। यहां स्थापित शिवलिंग भी एक ही पत्थर को तराशकर बनाया गया है। किवदंती है कि इस मंदिर का निर्माण एक ही रात में कराया गया था। लेकिन मुर्गे की बांग देने के कारण मजदूरों को लगा कि सुबह हो गई और काम अधूरा छोड़ दिया गया। मंदिर का निर्माण भारत में इस्लाम के आने से पहले हुआ था।
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इस मंदिर को भारत की पहली गुंबदीय(गोलाकार) छत वाली इमारत माना जाता है। इस मंदिर का दरवाजा भी आम दरवाजों से कई गुना बड़ा है। संभवत: बाहर से ही शिवलिंग साफ दिखे, इसलिए इतना बड़ा दरवाजा रखा गया होगा।
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यह मंदिर के चबूतरे का आकार ही 32 मीटर है। यह मध्य प्रदेश के रायसेन जिले की गौहरगंज तहसील के औबेदुल्लागंज विकास में आता है।
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कुछ लोग मानते हैं कि इस मंदिर का निर्माण द्वापर युग में पांडवों ने कराया था, ताकि उनकी माता कुंती पूजा कर सकें। बाद में उसे राजा भोज ने दुरुस्त कराया। यहां साल में दो बार मेला लगता है- संक्रांति व महाशिवरात्रि।
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मंदिर से कुछ ही दूरी पर कुमरी गांव के निकट सघन वन में वेत्रवती नदी का उद्गम स्थल है। यह नदी एक कुण्ड से निकलकर बहती है।