कबाड़ से जुगाड़: पिता ने गिफ्ट की ऐसी साइकिल कि बेटा देखकर रह गया शॉक्ड
बड़वानी, मध्य प्रदेश. भारत में जुगाड़ के (Jugaad Science) जरिये न जाने कैसे-कैसे आविष्कार होते रहते हैं। कबाड़ साइकिल की जुगाड़ से बनी यह मोटरसाइकिल कुछ समय पहले सोशल मीडिया से चर्चा में आई थी। इसके बारे में फिर याद दिलाने का मकसद है कि आपकी क्रियेटिविटी जीवित रहे। जब भी मौका मिले, आप कुछ आविष्कार कर सकें। साइकिल से इस बाइक का निर्माण लॉकडाउन के दौरान किया गया। इसे बनाया सरिया-सीमेंट के व्यापारी ने। यह शख्स 20 साल पहले ऑटो मोबाइल कंपनी में काम करता था। जब कोरोना काल में काम-धंधा बंद हुआ, तो शख्स ने सोचा क्यों न कुछ नया किया जाए? इस शख्स का सपना था कि जब उसका बेटा बड़ा होगा, तो खुद बाइक बनाकर देगा। यह सपना अब पूरा हुआ। दवाना गांव के रहने वाले कमलेश पाटीदार ने बताया कि इस बाइक को बनाने में कबाड़ में पड़ी साइकिल को इस्तेमाल किया गया। इसे बनाने में डेढ़ महीने लगे थे और खर्चा करीब 25 हजार रुपए। यह साइकिल 60 किमी/घंटा की रफ्तार से चलती है। यह एक लीटर में 80 किमी का माइलेज देती है। इसमें दो लीटर पेट्रोल की टंकी लगाई गई है। कहीं अगर पेट्रोल खत्म हो जाए, तो पैडल मारकर चला सकते हैं। आगे पढ़ें इसी साइकिल के बारे में...
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इस बाइक का वजन करीब सिर्फ 80 किग्रा है। यानी आम बाइकों से आधा। इससे दुर्घटनाओं की आशंका भी कम हुई। साइकिल कम बाइक को या लुक देने इसमें बुलेट का साइलेंसर साउंड दिया गया है। हालांकि मडगार्ड व हैंडल साइकिल के ही उपयोग किए गए हैं। इस बाइक को कमलेश ने अपने बेटे का नाम श्रीजी साइकिल बाइक दिया है। आगे पढ़ें-साइकिल के ढांचे पर कबाड़ की जुगाड़ से बना दी 80 किलोमीटर का माइलेज देने वाली बाइक
चंडीगढ़. साइकिल के ढांचे और कबाड़ CT 100 बाइक के इंजन को असेंबल करके बनाई गई है यह बाइक। इसका आविष्कार किया है 10वीं के छात्र गौरव कुमार ने। इनके मां-बाप के पास इतना पैसा नहीं था कि वे 60-70 हजार रुपए खर्च करके अपने बेटे को बाइक दिला पाते। आखिरकार गौरव का दिमाग दौड़ा और उन्होंने कबाड़ से यह बाइक (Desi Jugaad) तैयार कर ली। इस पर महज 16 हजार रुपए खर्चा आया। लॉकडाउन के चलते स्कूल बंद होने पर गौरव घर पर थे। तभी उन्हें यह बाइक बनाने का आइडिया आया। उनका यह आविष्कार लगातार सोशल मीडिया में छाया हुआ है। गौरव अब टार्जन जैसी कार बनाने में लगे हैं। गौरव की यह बाइक एक लीटर पेट्रोल में 80 किमी की दूरी तय करती है। गौरव बताते हैं कि उन्होंने इसे 3 साल पहले बनाया था। तब यह इलेक्ट्रिक बाइक थी। लेकिन गौरव उसकी स्पीड से खुश नहीं थे। इसलिए उसी बाइक को पेट्रोल में बदल दिया। आगे पढ़िए इसी आविष्कार के बारे में...
गौरव की यह बाइक सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही है। गौरव ने बताया कि इस बाइक में खिलौनों में लगने वाली लाइटों को इंडीकेटर के रूप में यूज किया गया है। आगे पढ़िए इसी आविष्कार के बारे में...
गौरव ने बताया कि उन्हें कबाड़ से चीजें जुटाने में करीब एक महीना लगा, लेकिन उसे असेंबल करने में सिर्फ हफ्तेभर। आगे पढ़िए इसी आविष्कार के बारे में...
गौरव बताते हैं कि बाइक में चार्जिंग पॉइंट, एमएफ रेडियो और ब्लूटूथ जैसी सुविधाएं हैं। गौरव का अगला प्रोजेक्ट द वंडर कार है।
आगे पढ़िए...कबाड़ का काम करते हुए आया एक आइडिया और फिर तैयार हुई यह गजब की बाइक
अगरतला, त्रिपुरा. यह बाइक कोरोना संक्रमण से बचाने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के मकसद से डिजाइन की गई है। इसलिए इसका नाम भी कोविड-19 रखा गया है। हालांकि इस बाइक का निर्माण कुछ महीने पहले हुआ है, लेकिन यह लगातार सोशल मीडिया पर वायरल है। अगरतला के पास अरलिया गांव के रहने वाले पार्थ शाह इस बाइक के निर्माण के बाद से सुर्खियों में हैं। पार्थ स्क्रैप के डीलर हैं। आगे पढ़ें इसी बाइक के बारे में...
इस बाइक में एक सीट से दूसरी सीट की दूरी 1 मीटर है। यानी यह सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करती है। इस बाइक का निर्माण एक पुरानी बाइक से किया गया। शाह ने बाइक के इंजन को निकाल दिया। फिर उसकी चेसिस को दो हिस्सो में काटकर एक मीटर से ज्यादा लंबी रॉड से बेल्डिंग के जरिये जोड़ दिया। आगे पढ़िए इसी बाइक के बारे में...
इस बाइक में बैटरी जोड़ी गई, ताकि उसे पॉवर मिले। इसमें पेट्रोल टैंक का इस्तेमाल इसलिए नहीं किया गया, ताकि यह ईको फ्रेंडली रहे। इसमें 750 वॉट की मोटर लगाई गई है, जिसे 48 वोल्ट की बैटरी से जोड़ा गया है। एक बार चार्ज करने पर यह 80 किमी तक चल सकती है।