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हे भगवान: 4 दिन बाद बेटी की शादी घर में नहीं अनाज का एक दाना, पेट पालने के लिए मां ने बेचा मंगलसूत्र
भोपाल. लॉकडाउन के चलते लोगों की रोजी-रोटी छिन गई है। वहीं कई लोगों की तनख्वाह कट रही है। गरीबों के घर में अनाज का दाना नहीं है, वह दूसरों की मदद और अपने गहने बेचकर पेट भर रहे हैं। ऐसी एक मार्मिक कहानी मध्य प्रदेश से सामने आई है, जहां एक परिवार की बेबसी देखकर आपको रोना आ जाएगा। आलम यह है कि उसकी बेटी की चार दिन बाद शादी होनी है और घर में अनाज का एक दाना नहीं है।
| Published : Jun 10 2020, 11:55 AM IST / Updated: Jun 10 2020, 12:03 PM IST
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दरअसल, यह गरीब परिवार राजधानी भोपाल में रहता है। कौशल्या बाई नाम की महिला अपने घर का खर्चा चलाती हैं, क्योंकि पति लकवा बीमारी से पीड़ित है और बेटा बेरोजगार है। वह अकेली ही परिवार में कमाने वाली है।
बता दें कि 14 जून को कौशल्या बाई की बेटी की शादी है, घर में इतने पैसे भी नहीं हैं कि वह दू्ल्हे के लिए खाना भी खिला सकें। ऐसे हालत में महिला को अपना मंगलसूत्र बेचना पड़ा। पूरा परिवार भुखमरी की कगार पर आ गया है।
कौशल्या का कहना है कि उसने सोचा था कि वह मंगलसूत्र बेचकर जो रुपए आएंगे उससे वह अपनी बेटी की शादी कर देगी। लेकिन उसका यह सारा पैसा राशन पर ही खर्च हो गया। पति की दवाई भी नहीं ली है, पता नहीं अब आगे क्या होगा। नम आंखों से कहती है कि अब वो अपनी बेटी की शादी आर्य समाज मंदिर में करेंगी। वह चाहती थी कि बेटी के फेरे उसके आंगन में पड़े, लेकिन लॉकडाउन ने ऐसा ग्रहण लगाया कि शादी तो दूर जिंदा रहना मुश्किल हो रहा है।
कौशल्या बाई शहर के बिरला मंदिर के बाहर प्रसाद और फूल की दुकान लगाती हैं। वहीं मंदिर के पीछे वह एक झुग्गी में रहती है। जब से मंदिर बंद हुआ तब से परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल हो रहा है।