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बहन रोती रही और 13 साल के भाई ने लगा ली फांसी, ऑनलाइन गेम बना मौत की वजह..लिखा-आईएम सॉरी मां रोना मत
भोपाल (मध्य प्रदेश). ऑनलाइन गेम (online game) की लत बच्चों पर इस कदर बुरा प्रभाव डाल रही है कि कई मासूमों की मौत हो रही है। ऐसा ही एक दिल को झकझोर देने वाला घटनी मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले से सामने आई है, जहां 13 साल के इकलौते बेटे को मां ने खेलते हुए 40 हजार रुपए गंवाने पर डांटा तो उसने फांसी लगाकर जान दे दी। साथ ही एक इमोशनल सुसाइड (suicide) नोट भी लिखा-जिसे जान हर किसी की आंख में आंसू हैं। पढ़िए कैसे बेटे को मां की डांट इतनी चुबी कि दुनिया से कह गया अलविदा...
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दरअसल, यह दुखद मामला छतरपुर के सागर रोड का है। जहां विवेक पांडेय का इकलौता बेटा कृष्णा अक्सर इंटरनेट पर गेम खेलता रहता था। पिता पैथालॉजी सेंटर चलाते हैं और मां प्रीति भी अस्पताल में नौकरी करती हैं, दंपत्ति के जाते ही बेटा घर इंटरनेट पर गेम खेलना शुरू कर देता था।
बता दें कि शुक्रवार दोपहर जब प्रीति के मोबाइल पर बैंक एकाउंट से 500 रुपए कटने का मैसेज आया तो उनको शक हुआ कि यह बेटे ने कुछ किया होगा। इसके बाद उन्होंने बेटे को फोन लगाया और इस बारे में पूछा तो कृष्णा ने बताया कि मां यह पैसे उसके ऑनलाइन गेम की वजह के चलते कटे हैं। मां ने इसी बात पर बेटे को जमकर डांट दिया। लेकिन उनको क्या पता था कि मेरी यह डांट उसकी जिंदगी खत्म कर देगी। (
मां की डांट के बाद कृष्णा दुखी होकर कमरे में चल गया और दरवाजा बंद कर लिया। घर में बड़ी बहन ने काफी देर तक दरवाजा खटखटाया, लेकिन उसने गेट नहीं खोला। बेटी ने रोते हुए यह पूरी जानकारी मां-पिता को दी। वह घबराते हुए घर पहुंचे और दरवाजे को तोड़ा दिया, अंदर देखा तो मासूम बेटा फंदे पर झूल रहा था। वह आनन-फानन में अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
मासूम ने फांसी लगाने से पहले एक भावुक नोट भी छोड़ा है। जिसमें लिखा है कि ''आई एम सॉरी मां, मैंन ऑनलाइन गेम फ्री फायर खेलन में आपके 40 हजार रुपए गंवा दिए हैं। मुझे माफ कर देना और आप प्लीज रोना मत''।
छतरपुर के सुमति एकेडमी में कक्षा 6वीं में पढने वाला मासूम बच्चा कृष्णा लॉकडाउन की वजह से ऑनलाइन पढ़ाई कर रहा था। माता-पता ने ऑलाइन क्लास के लिए उसे स्मार्ट फोन दिलाया था। लेकिन वह पढ़ाई छोड़ गेम की लत में पड़ गया। परिजनों को लगता कि वह पढ़ाई कर रहा है, लेकिन वह ऑनलाइन गेम फ्री फायर का आदि हो चुका था। इसलिए हर मां-बाप को जरूरी है कि वह छोटे बच्चों का समम-समय पर फोन चेक करें और उसकी हिस्ट्री देखें, अगर कुछ गलत है तो वह डिलीट कर बच्चों को समझाएं।