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- 4 भाई-बहन की दर्दनाक मौत: बड़ी बहन बोली वो सामने मर गए मैं कुछ नहीं कर सकी, ये हादसा कभी नहीं भूलूंगी
4 भाई-बहन की दर्दनाक मौत: बड़ी बहन बोली वो सामने मर गए मैं कुछ नहीं कर सकी, ये हादसा कभी नहीं भूलूंगी
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मृत बच्चों की बड़ी बहन वैशाली गौर ने रोते हुए हादसे का दर्दनाक मंजर बयां किया। कहा- मैं अपने पति नरेश के साथ गंगा दशहरा पर नर्मदा नहाने के लिए जा रहे थे। तभी मामा जी के बच्चे निर्मेश, नमामि (सिद्धी), आयुष, और दीदी का बेटा आदी हमारे साथ जाने के लिए कहने लगे। फिर हम सभी घानाबड़ ब्रिज के पास बने घाट पर स्नान करने करने लगे। जहां अचानक निर्मेश का पैर फिसल गया और वह डूबने लगा उसको बचाने के लिए हम दौड़े तो पता चला कि सिद्धी और आदी भी डूबने लगे। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था, बस रोए जा रही थी, कुछ देर बाद में बेसुध हो गई। इस भयानक हादसे को में जिंदगीभर नहीं भूल पाऊंगी।
जानकारी के मुताबिक, इस परिवार में से किसी को भी तैरना नहीं आता थाी। वह चीखते-चिल्लाते रहे, जब लोगों ने उनकी आवाज सुनी तो वहां भीड़ लग गई। बचाने के लिए कईयों ने नर्मदा नदी में छलांग लगा दी। वहीं किसी ने पुलिस को इस घटना की सूचना दी और रेस्कयू टीम को बुलाया। इसके बाद भी उनको मरने से नहीं बचा सके।
जानकारी के मुताबिक, इस परिवार में से किसी को भी तैरना नहीं आता थाी। वह चीखते-चिल्लाते रहे, जब लोगों ने उनकी आवाज सुनी तो वहां भीड़ लग गई। बचाने के लिए कईयों ने नर्मदा नदी में छलांग लगा दी। वहीं किसी ने पुलिस को इस घटना की सूचना दी और रेस्कयू टीम को बुलाया। इसके बाद भी उनको मरने से नहीं बचा सके।
सबसे पहले ग्रामीणों ने कूदकर बच्चों की चचेरी बड़ी बहन वैशाली (40) और एक 13 साल की सिद्धी नाम की बच्ची को बड़ी बमुश्किल से बाहर निकाला। थोड़ी दूर पर निमेश (35) का शव मिला। जहां वैशाली तो बच गई, लेकिन मासूम बच्ची सिद्धी की मौत हो गई। काफी मशक्कत करने के बाद रेस्क्यू टीम आयुष और आदि को निकाला, पर वह जिंदा नहीं थे, उनकी भी मौत हो चुकी थी।
हादसे के वक्त घटना स्थल पर मौजूद एक चश्मदीद ने बताया-एक बोलेरो गाड़ी से एक परिवार नर्मदा नहाने के लिए आया था। उनके साथ चार बच्चे साथ थे। वह फटाफट कार से उतरे और गहरे पानी में जाने लगे, वहां पर मौजूद कई लोगों ने उनको वहां जाने से रोका भी, लेकिन वह नहीं माने। तभी बच्चे चीखने लगे बचाओ-बचाओ, जैसे-तैसे लोग उनको बचाने के लिए गए, पर काफी तलाश करने के बाद भी कोई नहीं मिला। फिर मैंने पुलिस को फोन कर मौके पर बुलाया।
हादसे की जानकारी लगते ही मौके पर जिला प्रशासन से लेकर नगर निगम की रेस्क्यू टीम पहुंच गई थी। जिन्होंने काफी मेहनत करने के बाद मृतक बच्चों के शव निकाले।