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MP में एक अजूबा: बिना हाथ-पैर के जन्मी बच्ची, सब मान रहे चमत्कार..कोई बता रहा इसे भगवान का अवतार
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हैरान कर देने वाला यह मामला विदिशा जिले के सिरोंज का है। जहां मंगलवार शाम मोहर बाई नाम की महिला ने इस अनोखे बच्चे का जन्म हुआ है। आसपास के लोग इसको भगवान का चमत्कार मान रहे हैं, दूर से इस बच्चे को देखने वालों की भीड़ लग रही है।
डॉक्टरों के मुताबिक, बच्चे के दोनों पैर नहीं हैं, साथ ही उसके दोनों हाथ अविकसित होकर आधे-आधे रह गए हैं। सिरोंज शासकीय राजीव गांधी चिकित्सालय के डॉ. राहुल चंदेलकर का कहना है कि यह एक जन्मजात बीमारी है जो लाखों लोगों में से किसी एक में देखी जाती है। इस बीमारी को ट्रेट एमेलिया कहा जाता है।
डॉक्टरों का कहना है कि बिना हाथ-पैर के जन्म लेना, यह टेट्रो अमेलिया सिंड्रोम (Tetra-amelia syndrome) आनुवांशिक बीमारी के कारण होता है। ऐसे बच्चों के अभिभावकों या उनकी किसी पीढ़ी में इस बीमारी के जीन्स होते हैं। कई पीढ़ियों बाद ये किसी बच्चे में उभरकर सामने आ जाते हैं।
हाल ही में कुछ दिन पहले ऐसी ही एक तस्वीर विदिशा जिले के गांव सांकला से कुछ दिन पहले सामने आई थी जहां, सोनू वंशकार के घर इसी तरह एक बिना हाथ-पैर वाली बच्ची का जन्म हुआ है। बच्ची के जन्म के बाद से मां चिंतित है, लेकिन पिता उसे भगवान की देन मान रहा है।
बता दें कि आस्ट्रेलिया के ख्यात मोटिवेशनल स्पीकर निक वुजिसिस भी इसी सिंड्रोम का शिकार हैं। लेकिन वे दुनिया के लिए एक उदाहरण हैं। निक के लेफ्ट साइड में एक छोटा-सा पैर है। निक उसी के सहारे अपने सारे काम और एडवेंचर करते हैं।
निक आस्ट्रेलिया के ख्यात मोटिवेशनल स्पीकर हैं। इसके अलावा वे एथलीट भी हैं। निक जब 10 साल के थे, तब अपनी इस विकृति के चलते उन्हें एक बार सुसाइड का ख्याल आया था। उस समय वे मेलबर्न में पढ़ाई कर रहे थे। हालांकि मां के प्यार और सपोर्ट ने उन्हें हौसला दिया। जब निक 17 साल के थे, तब उन्होंने अपने स्कूल में आयोजिक पब्लिक स्पीकिंग के किसी आयोजन में हिस्सा लिया था। वे इतना अच्छा बोले कि लोग उनसे प्रभावित हो गए।
फिलहाल निक मोटिवेशनल स्पीच आयोजित करने वाली संस्था Attitude Is Altitude के प्रेसिडेंट हैं। निक को स्वीमिंग और स्काईडाइविंग पसंद है। निक अपने ज्यादातर काम खुद करते हैं। वे कम्प्यूटर भी चलाते हैं। निक 250 से ज्यादा फ्रैक्चर का सामना कर चुके हैं।