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- मुरैना शराबकांड: चिताओं की राख उठी भी नहीं थी कि नई लाशें आ गईं, जगह पड़ गई कम..गांव में घर-घर मातम
मुरैना शराबकांड: चिताओं की राख उठी भी नहीं थी कि नई लाशें आ गईं, जगह पड़ गई कम..गांव में घर-घर मातम
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इस जहरीली शराब कांड की वजह से जिले के दो गांव- मानपुर और पहावली में हर तरफ मातम की चीखें सुनाई दे रही हैं। इस जहर ने किसी के पति को छीन लिया तो किसी के पिता को उससे दूर कर दिया। बुधवार शाम जब मानपुर गांव के श्मशान में एक साथ 4 लाशें पहुंची तो वहां का सीन देखने वालों का कलेजा मुंह में आ गया। जगह कम के चलते इनका अंतिम संस्कार एक साथ खेत में किया गया। क्योंकि श्मशान में चिता की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि और शव पहुंच गए।
इस जहरीली शराब कांड की वजह से जिले के दो गांव- मानपुर और पहावली में हर तरफ मातम की चीखें सुनाई दे रही हैं। इस जहर ने किसी के पति को छीन लिया तो किसी के पिता को उससे दूर कर दिया। बुधवार शाम जब मानपुर गांव के श्मशान में एक साथ 4 लाशें पहुंची तो वहां का सीन देखने वालों का कलेजा मुंह में आ गया। जगह कम के चलते इनका अंतिम संस्कार एक साथ खेत में किया गया। क्योंकि श्मशान में चिता की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि और शव पहुंच गए।
मानपुर गांव के लोगों ने आपबीती सुनाई तो मीडिया वालों के भी आंसू आ गए। कहने लगे कि इस जहरीली शराब से कहीं बाप-बेटा तो कहीं भाई-भाई एक साथ मर गए। कितने बच्चों को अनाथ कर दिया, कई महिलाएं विधवा हो गईं, तब जाकर अफसरों की नींद खुली है। कई परिवार के मुखिया इस जहर को पीने से मौत के मुंह में चले गए, अब उनके परिवार को कौन पालेगा। समझो उनके साथ घर के बाकी के सदस्य भी मर गए।
पहावली और मानपुर गांव के लोगों का कहना है कि जिन लोगों ने इस जहरीली शराब को पीया था, 24 घंटे के भीतर उनकी आंखों की रोशनी कम होनी शुरू हुई और मुंह से झाग निकलने लगा। वह बेहोश होकर जमीन पर गिरने लगे। एक गिरता तो कुछ देर बाद खबर मिलती की पड़ोस में दूसरा मर गया। वहीं जांच में भी सामने आया है कि जिन 21 लोगों की मौत हुई हैं नमें से ज्यादातर में यही लक्षण सामने आए हैं।
इन 21 लोगों की मौत के जिम्मेदार शासन-प्रसाशन के साथ बाप-बेटे अमर सिंह किरार और गिर्राज किरार हैं। यही दोनों पुलिस की मिलीभगत से इस धंधे में खूब पैसा कमा रहे थे। इससे पहले भी कई लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन इतनी संख्य में पहली बार हुई है, जिसके चलते यह मामला सामने आ गया। आरोपी गिर्राज किरार ने लोगों को जहर बेचकर इतना पैसा कमाया है कि उसने जमीन और गाड़ियां खरीद ली हैं।
आसपास के गांव के लोगों के मुताबिक, छैरा-मानपुर गांव में अवैध शराब बनाने और बेचने का सबसे बड़ा अड्डा है। सालों से यहां अवैध शराब बनाने व बेचने का कारोबार खुलेआम चल रहा है। हाईवे किनारे बनी गुमटियों व दुकानों पर खुलेआम शराब बिकती है लेकिन आबकारी विभाग व बागचीनी पुलिस ने कभी कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया।
बुधवार को जब इस जहर से मरने वाले जितेंद्र किरार, रामजीलाल राठौर, कमलकिशोर राजपूत और ध्रुव सिंह किरार के शव पोस्टमार्टम होने के बाद गांव आ रहे थे। गांववालों ने मानपुर चौराहे पर शव रखकर चक्काजाम कर दिया। जहां वह मांग करने लगे कि पहले छैरा गांव का शराब का ठेका हटाया जाए। साथ ही अवैध शराब का धंधा बंद किया जाए और सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जा। इसके बाद ही हम अंतिम संस्कार करेंगे, पता नहीं कल और भी लोग इस जहर को पीने से मर सकते हैं।