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- भगवान ऐसी मौत किसी को ना दे, 6 दोस्तों के कटे अंगों को पॉलीथीन में ले जाना पड़ा, चिता पर टुकड़ों में रखी लाश
भगवान ऐसी मौत किसी को ना दे, 6 दोस्तों के कटे अंगों को पॉलीथीन में ले जाना पड़ा, चिता पर टुकड़ों में रखी लाश
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दरअसल, मंगलवार दोपहर सड़क हादसे में मार गए 6 दोस्तों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। लेकिन लोगों को जो भयानक दृश्य देखने को मिला वो बहुत डरावना था। मृतक की चिता पर कई टुकड़ों में उनका शव रखा हुआ था। किसी का सिर को गर्दन में लगाया गया तो किसी के कटे हाथ-पैर पास में रखे गए। चेहरों की हालत तो ऐसी हो गई थी पहचानना भी मुश्किल हो रहा था। कपड़े देखकर परिजनों ने अपने बच्चों की शिनाख्त की।
यह भीषण एक्सीडेंट सोमवार रात एक बजे इंदौर के लसुड़िया थाना क्षेत्र में तलावली चांदा पेट्रोल के पास हुआ। जहां तेज रफ्तार में आ रही कार सड़क किनारे खड़े टैंकर में जा घुसी। हादसा इतना भयानक था कि कार के परखच्चे उड़ गए और उसमें बैठे 6 दोस्तों में से 4 की मौके पर मौत हो गई। जिसमें चारों के शरीर के कई टुकड़े हो गए। वहीं दो और दोस्तों ने भी कुछ देर बाद दम तोड़ दिया।
पुलिस ने हादसे में मारे गए 6 लड़कों शव बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजे और उनकी पहचान की गई। जिसमें मृतकों के नाम ऋषि (19) , गोलू उर्फ सूरज (25) छोटू उर्फ चंद्रभान रघुवंशी, सोनू जाट (23) सुमित (30) देव (28) हैं। बताया जाता है कि सभी दोस्त सोमवार रात करीब 8 बजे अपने घर से पार्टी करने के लिए इंदौर से देवास के लिए निकले थे। जहां उन्होंने हाइवे पर किसी ढाबे पर पार्टी की। फिर रात एक बजे वह कार में म्यूजिक बजाते हुए मस्ती करते आ रहे थे। कार की स्पीड भी बहुत तेज थी, जिसके चलते चालक को सामने खड़ा टैंकर दिखाई नहीं दिया और उसमें जाकर टकरा गए।
जब एक साथ दोस्तों की अर्थी निकली तो यह मार्मिक दृश्य देख हर किसी की आंखों से आंसू आ गए। मां- बाप की आंखों से आंसुओं के झरने से फूट पड़े। उनका रो-रोकर बुरा हाल था। वहां पर मौजूद हर शख्स का कलेजा कांप गया। शव यात्रा का यह मंजर जिस किसी ने देखा वह पीछे पीछे मोक्षधाम पहुंच गया। हजारों की संख्या में लोग लंबी लाइन में राम नाम का जाप करते हुए जा रहे थे। लेकिन उनकी उनकी आंखों स आंसू नहीं थम रहे थे।
यह दृश्य इतना मार्मिक था कि हर कोई इन युवाओं को अखिरी विदाई देना चाह रहा था। जो जा सकता था वह अंतिम यात्रा में चला गया, वहीं महिलाओं ने छत पर खड़े होकर नम आंखों से दी अंतिम विदाई दी।
सबसे बुरा हाल मृतक बच्चों के परिजनों का था वह शव देख बदहवास हो गए। दिलासा देने वाले भी रोए जा रहे हैं वह आखिर क्या समझाएं।
पोस्टमॉटम के बाद शवों को कपड़े से सिलकर घर लाया गया।