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इन वजहों से इंदौर हर साल सफाई में आता है नंबर-1, देखिए ऐसी 15 तस्वीरें जो दिखाती हैं लोगों का समर्पण
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1. इंदौर के लोगों ने सफाई को एक आदत बना लिया है। उन्होंने इसको जनआंदोलन के रूप में अपनाया और अपने घर के साथ शहर की सफाई पर भी ध्यान दिया।
2. इंदौर नगर निगम ने सिंगल यूज प्लास्टिक बैन किया। डिस्पोजल की जगह पर बर्तन बैंक और थैलियों के विकल्प में झोला बैंक शुरू किया, डिस्पोजल फ्री जोन बनाए गए, खासकर शहर के सबसे भीड़ वाले इलाकों पर नजर रखी गई।
3.नगर निगम ने सिटीजन फीडबैक शुरू किया, जिसको शहर के लोगों ने काफी पसंद किया। इसमें इंदौर के नं-1 बनाने के लिए सवाल-जवाब तैयार किए गए। शहर के लोगों से उनके घर के सामने जाकर सफाई की सच्चाई जानी। ताकि लोग खुद अपना सही फीडबैक दे सकें। कई लोगों ने निगेटिव फीडबैक भी दिया, जिस पर काम किया गया।
4.देश में इंदौर एक मात्र ऐसा शहर है जिसने कचरा प्रबंधन शुल्क के 40 करोड़ वसूले। यह वह शिखर था, जिसे कोई दूसरा शहर छू भी नहीं सका। वहीं भोपाल ने कचरा प्रबंधन शुल्क 15 करोड़ वसूले।
5.सबसे बड़ी बात इंदौर शहर के लोगों में सफाई के प्रति जागरूकता है। उनकी अब सफाई के मामले में आदत बन गई है। जिसका नतजा है कि हर साल शहर नंबर वन आता है।
6.निगम और पुलिस अगर किसी को भी गंदगी करते देख लेता है तो उसका चालान काट दिया जाता है। फिर चाहे वह आम आदमी हो या फिर कोई वीवीआईपी। सफाई का कानून यहां सबके लिए बराबर है।
7. इंदौर के सफाईकर्मी साल के 365 दिन हर समय सफाईकर्मी शहर को स्वच्छ रखने में जुटे रहते हैं। बारिश हो या ठंड कभी भी सफाई व्यवस्था बंद नहीं होती।
8 . बता दें कि शहर से दूर ट्रेंचिंग ग्राउंड में कचरे का प्लांट लगा है, जो कि करीब 147 एकड़ फैला हुआ है। यहां रोजाना हजारों टन कचरा पहुंचता है, जहां सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग किए जाने की प्रोसेस होती है। प्लांट में कोरोंड़ों कीमत की कचरे प्रोसेसिंग करने की मशीनें लगाई गई हैं। इसके बाद निगम गीले कचरे से खेती के उपयोग में लाने के लिए खाद बनाती है। इस खाद को यहीं से किसानों को दे दिया जाता है। वहीं सूखे कचरे के निपटान के लिए दो प्लांट लगे हैं। एक 200 टन का तो दूसरा 300 टन का। 300 टन का इतना बड़ा प्लांट ऐसा पहला है जो देश में कहीं भी नहीं है।
इंदौर में सफाई के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए नगर निगम जगह-जगह पर स्लोगन लिखवाता है।
तस्वीर में आप देख सकते हैं कि जब एक युवक ने सड़क पर थूक दिया तो नगर निगम ने उसके खिलाफ कार्रवाई तो की ही, लेकिन उससे ही सफाई करवाई।
समय-समय पर स्कूल-कॉलेज के स्टूडेंट लोगों को सफाई के लिए झाडू लगाकर स्वच्छता का संदेश देते रहते हैं।
तस्वीर में देखिए गंदगी करने वाले युवक से किस तरह सफाई करवाता हुआ निगम।
शहर को साफ करने की इस मुहिम में आईपीएस से लेकर नेता तक शामिल होते हैं। वह खुद झाड़ू लगाकर लोगों को जागरूक करते रहते हैं।
इस तस्वीर से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि शहर कितना साफ और स्वच्छ रहता है।
जब साल 2020 के स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर नंबर-1 बना तो शहर से सांसद शंकर लालवानी ने भी जश्न मनाते हुए लोगों के साथ जमकर डांस किया।
इंदौर में लोग सफाई के प्रति इतने जागरूक हैं कि उनके कहना नहीं पड़ता और वह गीला कचरा गीले डिब्बे में तो सूखा कचरा सूखे वाले डिब्बे में डालते हैं। जब निगम की गाड़ी आती है तो लोग लाइन लगाकर हाथों में डस्टबिन लेकर दरवाजे पर खड़े रहते हैं।
इंदौर सफाई में नंबर 1 आने पर शहर के लोगों ने सड़कों पर जगह-जगह रंगोली बनाकर जश्न मनाया।
इस तस्वीर को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं की इंदौर नगर निगम के सफाई कर्मचारी सफाई के लिए कितने जागरूक रहते हैं, छोटे से छोटे कचरे को भी नहीं छोड़ते हैं।
अगर कोई ऊपर वाली फ्लौर पर रहता है और वह नीचे नहीं आ सकता तो वह सफाई कर्मचारियों को एक रस्सी के सहारे अपना कचरे का डस्टबिन दे देता है।